SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 232
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ २२४ ] मुंहता नैणसीरी ख्यात खंगड़े किया खड़ाक', सींगाळे सुरताणसं । छोहियां उतरी छाक , मीरां मिलकां ऊमरां ।। २. पीडी जांम लाखो। २ रावळ । ३ वीभो। ४ सतो। ५ अजो। ६ लाखो। जांम लाखो अजारो' । ७ रिणमल जांम। ८ सतो । जांम एक वार हुवो । पछै रायसिंघ साहवी ली। ७ जाम रायसिंघ लाखारो । कुतवखांनसूं लड़ मुंबो । नदैनगरसूं : ___ कोस ३ सेखपाट। ८ जांम तमाईची। ८ वंभणियो। . . ७ जेसो लाखारो। एक बार तो कुतबखान तोत कर मारनै सता. रिणमलोतनूं नवैनगर वैसांणियो। नै रायसिंघरो वेटो .. तमाईचो बाहिर नीसरियो । पछै नवानगर ऊपर आयो। जोरावरी तमाईची धरती ली । जोम तमाईची हुवो। गीत लाखै अजैरो .... निस-दीह न थाकै क्युहि नाखतो, असा गज कनक सुनग अतर, ____ I सीधा। 2 वीर । 3 क्रोध वालोंका, धर्मडियोंका। 4 नशा, उन्मत्तता । 5 उमरा, उमराव। 6 कई प्रतियोंमें जैसा लिखा है। 7 अजाका बेटा जाम लाखा.. द्वितीय । 8 सत्ता एक वार तो जाम पद पर अभिपिक्त हो गया, पर पीछे रायसिंहने राज्य छीन लिया। 9 एक बार तो कुतुबखानने कपटसे जैसा को मार कर के सत्ता रिणमलोतको .. नवानगरकी गद्दी पर विठा दिया । 10 और रायसिंहका बेटा तमायत्री भाग कर वाहिर ... निकल गया । 11 पीछे तमायची नवानगर ऊपर चढ़ कर के प्राया और दलात् देश पर अधिकार किया । जाम पद पर तमायची अभिषिक्त हुा । 12 रात-दिन। 13 घोड़ा...
SR No.010610
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1962
Total Pages369
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy