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मुंहता नैणसीरी ख्यात
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लाडकनूं कह्यो -" बीजूं तो सर पावां नहीं ", तूं बूढो पण हुवो छै । तूं मरण तेवड़नै' खंगारनूं मारे तो पोहचां, नै थारा बेटा धणी-धोरी छै ईज', नँ वळै घणा वधारीस * ।" यों कह्यो, तरै लाडक पण प्रारै हुवो" । तरै तोत करने रावळ नै लाडक चड़भड़िया' । रावळ लाडकनूं खांसड़ी बाह्यो' | लाडक रीसायने खंगार कनै गयो । दिन ४ तथा ५ रह्यो । एक दिन किणीकैरे दीवसूं गाडै लाय लागी । रजपूत सोह" लाय बुझावणनूं गया । राव कनै लाङक ऊभो छै" । मन मांहे चूक'" । लाडकरो हाथ धूजियो, तरै राव पूछियो - 'थारो हाथ क्युं धूजियो ?' कह्यो- 'यूंही ।' यूं कहिने राव बीजो कांनी जोयो" । तरै लाडक रावनूं पाछासूं भटको वाह्यो । रावरै मोरे लागो" घणो वूहो" । सु राव लाडकनूं गावड़सूं" झालने " नीचे दियो । नीचे दे हाथ मरोड़ तरवार ले राव झटकारी दी । माथो तूट पड़ियो । रावरै पाटो बांधियो । राते कोहेक मुंबो थो, तिणनूं दाग दियो”, सु रावळ जांणियो - "राव मुंवो छै, युंही छांनो राखे छै"।” सवार हुवो", तरै रावळ आपरो " साथ हलकने " तूट पड़ियो । पैली कांनी सूं रावरो साथ ग्रायो" । वडी वेढ हुई । भोक पड़ी" । बीजै दिन' वेपोहर तांई वेढ हुई ती । तिग दिन सवाररा वाजिया था सु दिन घड़ी ४ रह्यो तोही पाछा न वळे" तर राव कह्यो - " मोनूं मांचे ऊपर ऊभो करो" ।” तरै ऊभो कियो । रावळरै साथ दीठो – “जु
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I अब एक इस बात के सिवाय जीतना संभव नहीं रहा । 2 इरादा कर के 1 3 तेरे वेटे और वारिश वगैरा हैं ही। 4 और फिर मैं उनको बहुत बढाऊंगा । 5 तब लाडकने भी स्वीकार कर लिया। 6 तव छल कर के रावल और लाडक परस्पर लड़ पड़े । 7 जूता मारा। 8 पास । 9 एक दिन किसीके दीपकसे एक गाडे में आग लग गई। 10 सभी । II रावके पास लाडक खड़ा है । 12 उसके मनमें दगा है । 13/14 यों कह कर के रावने जब दूसरी ओर देखा, त्योंही लाडकने राव पर पीछे तलवार का प्रहार कर दिया । 15 प्रहार रावकी पीठमें लगा । 16 बहुत रक्त वहा । 17 गर्दनसे । 18 पकड़ कर । 19 रातको कोई मर गया था, उसको जलाया। 20 राव मर गया है परंतु बातको छिपाये
रखते हैं । 21 प्रभात हुआ । 22 अपना 1 23 ललकार कर के | 24 दूसरी ओरसे रावकी सेना आई। 25 खूब तलवार चली । 26 दूसरे दिन | 27 उस दिन प्रभातसे ही लड़ाई शुरू हो गईं थी, चार घड़ी दिन शेष रहा तो भी पीछे नहीं लौटते हैं । 28 मुझको खाटके ऊपर खड़ा करो। 29 रावलकी सेनाने देखा ।