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________________ मुंहता नैणसीरी ख्यात [ २१७ मांहरी मदत करो तो भींव आगा' मांहरी ठोड़ ल्यां, नै थांनै गांव .. २०० तथा ३०० एक कोररा दां।' औ मदत करणनूं तैयार हुवा; भींव सांभळियो, तरै हालांनूं कहाड़ियो-"धोधांरी मदत काई करो ? हूं छू तो आपण घरे साहबी छै । थे धरती दाबी छ सु थाहरी, नै म्हां हे? छै सु मांहरी छै'; इण वातरो सील-कोल करो।" तरै हालां हेठे ही घणी धरती आई थी नै निज थी (?) तरै हालां नै भीम माहोमांही सील-कोल कियो। देवी प्रासापुरा विचै दीवी। यौं करनै धोधा धरती मांहैसूं परा काढिया। पछै वे राव कहीजै । हाला जांम कहीजै । माहोमांही घणो सुख । . .. पीढियां १२ तथा १४ रै जांम लाखो हुवो। रायधणांरै हमीर . हुवो। एक दिन हमीर थोड़े से साथसूं असवार • २५ सूं, घोड़ी ढळ गई, त्यां वासै आयो । नड़ो आयो थो सु जांणियो -"लाखैतूं .: मिळता जावां।" सु अठै आयो । लाखै घणी आगता-सागता' कीवी। भगत कीवी14 1 लाखैरै रावळ बेटो मोटियार । रावळनूं मांमै काठियां कह्यो जु-" लाखैरी तो अकल गई, और हमीर थांहरै घरै आयो, परो कूट मारो", डावड़ा नांना छ, उड़ जासी । काछरी साहबी परमेसर थां19 दी।” सु दोपाहरैरो हमीर पड़वैः माहै सूतो छै, तठे रावळ आयनै पग चांपण लागो । तरै हमीरनूं नींद आई, - तरै तरवार काढ़नै वाही सु हमीररों माथो तूट पड़ियो। मारने रावळ नाठों । कळळ हुई23, लाखैरो भेद नहीं। लाखो वांस तूटो .. तीर वाहै । एक काठियांरै वास थो, त? रावळ वाड़ माहै कूद · पड़ियो। लाखै दीठो-जुजु जाइ (?) तरै पाळसेट तरवार वाही, सु ... . : 1 से। 2 तुम्हारेको। 3 एक किनारेके दें। 4. सुना। 5 धोधोंकी मदद क्यों करते हो? 6 मैं हूँ तो अपने ही घर में राज्य है। 7 तुमने जो धरती दाब ली है वह तुम्हारी, और मेरे नीचे है वह मेरी है। 8 परस्पर इस बातका कौल-वचन कर लो। 9 निकाल दिये। 10 परस्पर बहुत प्रीति बढ़ी। II एक दिन एक घोड़ी गुम हो गई, हमीर पचीसेक सवारोंके साथ उसके पीछे गया। 12 नजदीक पाया था तब विचार किया। . 13 आगत-स्वागत । 14 पहुनाई की। 15 जवान । 16 तुम्हारे। 17 मार डालो। - 18 बच्चे छोटे हैं, सब समाप्त हो जायेगा। 19 तुमको। 20 पड़शाला। 21 प्रहार किया। 22 भाग गया। 23 कोलाहल मचा । 24 तीर चलाता है। 25 मोहल्ला ।
SR No.010610
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1962
Total Pages369
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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