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________________ मुंहता नैणसीरी ख्यात . [ २०५ ... वे पठाण गिरनाररै थांणैवोळा पातसाहरै बेटैसू फिर बैठा' । सारी सोरठ इणै खाधी । गुजराती पातसाह महमंदरै वांस इसड़ो को जोरावर हुवो नहीं । तठा पछै पीढी ४ तथा ५ इण पठाणे सोरठ खाधी । . पछै संमत १६२६ काती सुदी १५ अकबर पातसाह गुजरात लीवी। तठा पछै वरस १० तथा १५ नवाब अजमखाननूं गुजरातरै सूबै मेलियो, तद पठाण अमीखांन गिरनार धरणी छै। अमीखांन नै जांम सतै माहोमांहै एको छ । पछै अजमखांन गिरनार, नवानगर ऊपर असवारी की, वेढ हुई । जांम सतो नै अमीखांन बेहूं हारिया" । तठा पछै जांम अमीखांनरी ऊपर छोड़ी। अमीखांन उठाथी नासन गिरनार आयो । अजमखां वांस लागो प्राय गढ गिरनार घेरियो । वरस ३ विग्रह हुवो। अमीखांन गढरोहा माहै मौत मुंवो' । अमीखांनरा बेटायूँ टीको हुवो। बेटारो दिन फिरियो'। आपरो परधान थो तिणसूं. बेदबी की । पछै परधान, रजपूत माहोमांहि फाटा । तरै गढ़ उतारनै अजमखांननूं दियो । . राव मंडळीकरा चाकर ऐ5 भला रजपूत हुवा-१ अपर डोडियो। १ चावोड़ो ईलियो । १ चांपो बालो। - I इसके बाद गिरनारके थाने वाले पठान बादशाहके बेटेसे बदल गये। 2 समस्त सोरठ देशका उपभोग इन्होंने किया। 3 इस गुजराती बादशाह महमूदके पीछे कोई ऐसा शक्तिशाली नहीं हुआ। 4 इसके बाद चार-पांच पीढी तक सोरठका शासन-उपभोग पठानोंने ही किया। 5 जिसके दस या पन्द्रह वर्ष बाद नवाब आजमखांको गुजरातके सूवेका शासक (सूबा) बना कर भेजा, उस समय पठान अमीखां (अमीरखां) गिरनारका स्वामी था । अमीखां और जाम सत्ताके परस्पर मेल था। 6 आजमखांने गिरनार और नवानगर पर आक्रमण किया और युद्ध हुआ। 7 जाम सत्ता और अमीखां दोनों हार गये। 8 जामने जिसके बाद अमीखांकी सहायता करनी छोड़ दी। 9 अमीखां वहांसे भाग कर गिरनार या गया । 10 अाजमखांने उसका पीछा किया और गिरनारके गढ़को घेर लिया। II अमीखां गढ़रोहेमें अपनी मौतसे मर गया। 12/13 बेटेका दिन प्रतिकूल प्राया। उसने अपना प्रधान था उससे कुछ वेअदबी कर ली। 14 फिर प्रधान और राजपूत अंदर ही अंदर . उसके विरुद्ध हो गये और तब अमीखांके बेटेको गढ़से वंचित करके उसे आजमखांको दे .. दिया। 15 थे। .
SR No.010610
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1962
Total Pages369
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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