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मुंहता नैणसीरी ख्यात
अथ सरवाहियारी पीडी, जादव' १ राव खंगार (राव खेंगार) २ गहर (राव गहर, राव गाहर, गाहरियो, राव गारियो) ३ दयाच* (दयाळ, द्यास) ४ कवाट (कहवाट, कैवाट) ५ नवघण । ६ जैमल । ७ मंडळीक । ८ रायसिंघ।
६ प्रथीराज । चोरवाड़ वस । राजा जसवंतसिंघजीरो सुसरों । वात सरवहियारी।
ऐही जादवै भिळे । सरवहिया प्रागै गिरनाररा धणी । राव मंडळीक वडो रजपूत हुवो। असवार २००००री ठाकुराई हुती .... जेसो सरवहियो मंडळीकरो लोहड़ो भाई हुवो । राव मंडळीक कहै छै, रोज एक नवो तळाव खणावतो' । सासतो गंगाजीरै पाणी सांपड़तो। गंगाजळ पीवतो। तिणरै प्रोळ-बारट रवो-सुरतांणियो हुतो । तिणरै बैर चारण नागही देवी हुती । तिणरै पेटरो बेटो १ खूट हुवो11 | तिणने परणायो । उणरै घरै वैर पदमणी पाई1 । तिणरो वेटो नागारजन, तिको अहमदावाद पातसाह महमंद वेगड़ा
I सरबहिया यादवोंकी वंशावली। (यह वंशावली अगुद्ध प्रतीत होती है। किन्तु .. अन्य इतिहासकार भी एकमत नहीं हैं । क्रम और कालमें भी अंतर है।) 2 पृथ्वीराज चोर-.-: बाड़में रहता है। यह राजा जसवंतसिंहजीका ससुरा है। 3 ये (सरवहिये) भी यादवों में मिलते हैं। 4 सरवहिया पहिले गिरनारके स्वामी थे। 5 बीस हजार सवारोंका आधिपत्य था। 6 जैसा सरवहिया राव मंडलीकका छोटा भाई था। 7. कहा जाता है कि राव .. मंडलीक नित्य एक नया तालाब खुदवाता था। 8 निरंतर गंगाजलले स्नान करता था। 9 उसका पौल-बारहट रवा-सुरतारिगया नामका चारण था। 10 उसकी पत्नी चारणी ... नागही देवी थी। II उसकी कोखसे खूट नामका एक पुत्र उत्पन्न हुआ। . 12 उसका .. विवाह किया। 13 उसको पद्मिनी पत्नी मिली।
- *कच्छ, काठियावाड़ और गुजरात आदिके इतिहास-ग्रंथोंमें 'रा' दयास नाम भी :... रा' नोंघण।
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लिखा है।
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