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मुंहता नैणसीरी ख्यात
[ १६३ . ६ कलो नारणदासोत ।
३ पीथों आणंदोत । राव मालदेवरै चाकर । मेड़तै रा॥ देईदास
जैतावत सोथै कांम आयो । - ४ रायसिंघ पीथावत । संमत १६४० चांपासर दियो थो।
सं० १६४३ नापावस सोझतरो । पछै बांधड़ो पट।
५ केसोदास रायसिंघोत । बांधड़ो पटै ।
६ माधोदास केसोदासोत । संवत १६७२ रूदियो पटै । पर्छ अमरसिंघजी साथै गयो। पछे वळै रह्यो। रूदियो पटै । संमत १७१४ उजेण काम आयो ।
७ जगनाथ माधोदासोत । . . ६ वीठळदास केसोदासोत । रूदियो पटै । चाकर पोहरै ऊभो थो,
तिण पांतरै मारियो । ...
५ करमसी रायसिंघोत । रूदियो पटै। अजमेर गोयंददासजी साथै काम प्रायो।
६ प्रागदास करमसीयोत । संमत १६८२ जालेली बेऊ थी, पछै ..फळोधीरो छीलो दियो ।
४ सांकर पीथावत । राव चंद्रसेणरै विखैमें भाद्राजण गयो, तठे काम आयो ।
४ रतनो पीथावत । मोटे राजारै फळोधी भाटी भांनीदास
मारियो, तिण वेढ काम आयो । ..
५ अमरो रतनावत । गुजरात काम आयो ।
. 1 सम्वत् १६४० में चांपासर गांव पट्टे में दिया था। सम्वत् १६४३ सोजत परगनेका नापावस गांव और बादमें बांधड़ा गांव पट्ट में दिये गये थे ! 2 सम्वत् १६७२ में रूदिया गांव पट्टे में था । फिर वह अमरसिंहजीके साथ चला गया (तो रूदिया नहीं रहा। लेकिन जब वह फिर आकर रहा तो रूदिया वापिस पट्ट में दे दिया। सम्वत् १७१४में उज्जनमें काम 'आया। 3 पहरे पर चाकरके खड़े होनेके भ्रमसे इसे मार दिया। 4 सम्वत् १६८२ दोनों जालेली गांव और फिर फलोधी परगनेका छीला गांव, पट्ट में दिये थे। 5 राव चंद्रसेनके विखेमें भाद्राजुन गया था वहां काम आया। 6 मोटे राजाने फलोधीमें भाटी भानीदासको . मारा उस लड़ाई में यह काम आया। 7 गुजरातकी लड़ाई में काम आया।