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मुंहता नैणसी री ख्यात साहजादा खुरमरै विखा मांहै चाकर रह्यो हुतो। पछै उठाथी छाड़ियो । को दिन सींघलै जाय कवळे रह्यो । सांनरो झोलो.. हुवो । पछै वळे राजा गजसिंघ पगे लगायो । मेवरो पटै दियो । संमत १६६५ मुंवो।
७ अखैराज। ८ जीवो। ७ सूरजमल, श्रीजीरै वास । तिलांणेस खेतासर पटै।।
७ दूदो । संमत १६६६ नरहरदास ऊपर भाटी..... 'मालदेप्रोत, ... गोयंददास सहसमलोत नागोर था आया। नरहरदास अठासूं नीसरियो । दूदो काम आयो ।
७ नाहरखांन, श्रीजीरै चाकर । धवो जोधपुररो पटै हुतो, संमत १७२१ ।
६ रामसिंघ गोयंददासोत, महेवची पूरांरो वेटो । संमत १६७२ भाटी गोयंददासजी काम पायां लवेरो रामसिंघ प्रथीराजनूं भेळो दियो । संमत १६७७ ब्रहानपुर रामसिंघसू छाडायो। लवेरो प्रथीराजनूं दियो । पर्छ रामसिंघ साहिजादै सहरियालरै चाकर रह्यो । पछै कासमीर जातां रा।। ईसरदास कल्याणदासोतरै चाकर।। रामसिंघ जगमालरै पैसार पैसनै रातै मारियो । संमत १६७२ एक . वार पासोप लोवी। राजा गजसिंघ आसोप १६७६ रा।। राजसिंघn दियो, तिणरै वदळे भेटनड़रो पटो दियो ।
1 फिर शाहजादा खुरंमके विखेमें उसका चाकर रहा था। 2 फिर वहांसे छोड़ कर . या गया। 3 कई दिनों तक सिंघलोंके यहाँ कबले गांव में जाकर रहा । 4 वहां उसे लकवा . मार गया। 5 बादमें फिर गजा गजसिंहने पांवों लगाया (अपने पास बुला लिया)। । मेवग गांव पट्टमें दिया । 7 मम्वत् १६६५में मर गया। 8 सम्बत् १६६६में नरहरदाम पर भाटी..."मानदेयोत और गोयंददास नहसमलोत नागोरसे चढ़ पाये। नरहरदास वहांमे निगल गया और उसका बेटा द्रा यहां काम ना गया। 9 नाहरखान श्रीमहाराजाका चाकर, गावत १७२१में जोधपुर पर गनेता वा गांव पट्टे में था। 10 पूराबाई महेवचीका बेटा ।
गम्वत् १६४२में माटी गोयंददास काम या जाने पर रामसिंह और पृथ्वीराज दोनोंको ... प्रदेश मामिल दिया। 12 फिर रामसिंह शाहजादे शहरयारके पास चाकर रहा । 13 फिर मानीरजा मागं जगमाल में गुग कर ईरवार कल्यागादामोतके चाकरने रामfrom मार दिया। उसके बदले में भेटनड़ा गांवका पट्टा मार दिया।