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________________ मुंहता नैणसीरीः ख्यात [ १४e ६ सुरजन आमावत । सं. १६७२ चांपासर थो । संमत १६७४ महेसियो जैतारणरो | संमत १६८० मांणकियावस मेड़तारो थो । पछै राम कह्यो । 1 १० कांन्ह सुरजनोत | संमत १६८४ नागोररा गांव ८ जेसो रायपाळोत । पैहली जेसो रा ॥ प्रथीराज पातावतरै वास थो । पछै संमत १६४९ मोटा राजाजीर वसियो । दांतीवाड़ो वसीनूं दियो थो । जेसोजी परधांनांमें पूछीजण जोगा था । संमत १६४६ लाहोर में रांम कह्यो । 1 ३ १२ मुरारदास । ११ दयाळदास माधोदासोत । १२ वेणीदास | ११ गिरधरदास माधोदासोत । ११ प्रचळदास माधोदासोत । पटै । 6 8 2 गोपाळदास जेसावत । राजा रायसिंघजीरै रावळे वसियो । संमत १६५२ दांतीवाड़ो' । संमत १६५५ चंडावळ सोभतरी संमत १६५६ खेजड़लो गांव ३ सूं दियो थो' । वडो डील थो" । पातसाही दरबार उकील थको रैहतो " | 0 11 १० माधोदास गोपाळदासोत । वडो रजपूत । खेजड़लो पटै । संमत १६६६ ओळवी, भागेसर पटै । पातसाही दरबार उकील रैहतो | संमत १६८७ रांम कह्यो । ११ मुकंददास माधोदासोत । संमत १६८७ भागेसर 13 । फिर मर गया । 2 सम्वत् १६८४में नागोर परगनेके तीन गांव पट्टे में | 3 दांतीवाड़ा गांव बसीके रूपमें दिया था। 4 प्रधान सरदारोंमें जैसोजी पूछे जाने योग्य ( बुद्धिमान ) व्यक्ति था । सम्वत् १६४९ में लाहोर में मरा। 6 राजा रायसिंहजी के यहां जाकर वसा । 7/8/9 सम्वत् १६५२ में दांतीवाड़ा, सम्वत् १६५५ में सोजत परगनेका चंडावल और सम्वत् १६५६में खेजड़ला तीन अन्य गांवोंके साथ पट्ट में दिये गये थे । 10 ( १ ) भरकम शरीरका था । (२) बड़े परिवार वाला था । II बादशाही दरबारमें वकीलकी हैसियतसे रहता था । 12 बड़ा ( शूरवीर) राजपूत । खेजड़ला गांव पट्ट में था, फिर सम्वत् १६६६में ओलवी शौर भागेसर गांव पट्टे में मिले । बादशाही दरबार में वकीलकी हैसियतसे रहता था । सम्वत् १६८७में मरा। 13 सम्वत् १६८७ में भागेसर गांव पट्टे में ।
SR No.010610
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1962
Total Pages369
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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