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मुंहता नैणसीरी ख्यात १० पंचाइण रूपसीयांत। संमत १६७२ वेरावस खींवसररो पटै । संमत १६८४ धारणवाय चौकड़ी पटै' ।
१० मोहणदास रूपसीयोत, राव दळपतसिंघजीरै वास थो। सु दळपतजी नै पातसाह वेढ हुई, दळपतजी काम पाया, तद हाथी गोपाळदासोत साथै काम आयो ।
१० जसवंत रूपसीयोत ।
११ बलू जसवंतोत । संमत १६७४ जाळोर रा खारो नरसांणो. __ था । संमत १६७७ तुवरां पटै थी। चोखावसणी मेड़तारी थी । . १० महसदास रूपसीयोत । संमत १६७४ जाळोररो सेरांणो .
थो, संमत १६७७ नीलावो जैतारण रो। संमत १६८० चौकड़ी मेड़तारी ।
६ डूंगरसी आसावत ।
१० राघोदास डूंगरसीयोत । संमत १६७७ जाळोर रो साहेलो... गांवां ५ सूं थो। सं० १६७८ तिमरणीरी मुंहम काम आयो । . ११ जगनाथ राघोदासोत । संमत १६७८ मेड़तारो घोड़ाहड़ नै गांव ३ जाळोररा था।
६ ठाकुरसी आसावत ।
१० वेणीदास ठाकुरसीयोत । संवत १६६७ चोपड़ो गांव ५ सूं. . थो पटै । संमत १६७६ पटो तोगीर कियो। पछै साहिजादा खुरमरै
वसियो। पूरवमें राम कह्यो ।'
1 सम्वत् १६७२में खींवसरका वेरावस गांव और सम्वत् १६८४में धारणवाय और चौकड़ी गांव पट्ट में। 2 तव हाथी गोपालदासोतके साथ यह भी काम आ गया। 3 सम्बत् । १६८४में जालोर परगनेके खारो और नरसारणो गांव पट्ट में थे। 4 सम्वत् १६७७में : तुवरां गांव और मेड़ता परगनेका चोखावासगी गांव पट्टे में थे। 5 सम्बत् १६७४ में जालोर परगनेका सिराणा, सम्वत् १६७७में जैतारनका नीलाबा और सम्वत् १६८०में मेड़ताका चौकड़ी गांव पट्टे में थे। 6 सम्वत् १६७७ में जालोर परगनेका साहेला गांव पांच गांवोंके साथ पट्टे में था। सम्बत् १६७८में तिमरणी के युद्ध में काम पाया। 7 सम्वत् .. १६७८में मेड़ते परगनेका घोड़ाहड़ गांव और तीन गांव जालोर परगने के पट्टे में थे। 8. सम्वत् १६६७में पांच गांवोंके साथ चौपड़ा गांव पट्टे में था। सम्वत् १६७६में पट्टा तागीर... हुमा । फिर शाहजादा खुर्रमके यहां वस गया और पूर्व में मरा। .. . ......