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________________ . - मुंहता नैणसीरी ख्यात [ ११६ ४ राव सेखो, धणी पूगळ । ४ जगमाल बैरसलरो। मुंमणवाहण धणी हुवो । क्युं वैरसलपुर . मांहै पिण सीर हुतो' । पछै जगमाल मुंवो तरै तुरके मुंमणवाहण लियो । ५ जैतसी। ६ जगनाथ, चांदरख पटै । ६ पंचायण, राव वाघारी मोहबतखारै दौलताबाद बेटी परणियो हुतो । कांम आयो । ७ गोयंददास पंचाइणोत । १० हरनाथ चांदरख पटै । इणरी बेटी राजा सूरज मोहबतखारै दौलताबाद सिंघ परणिया हुता, कांम आयो। सुजांणदे । १० उरजन। ८ जोगीदास गोयंददासोत, ६ कल्याणदास । वडो रजपूत, जोधपुर १० करन । १० भींव । वास । गांव ४सूं वीझ- ६ केसोदास जोगीदासरो । वाड़ियौ पटै । संमत १० हरिसिंघ । १६६८ हाथी मारियो. ___६ पतो जोगीदासरो। दिखण। १० जसवंत । ६ रुघनाथ। गांव ४सूं वीझ- ७ रांम पंचाइणरो। राव वाडियो पटै। संमत १६- चंद्रसेणरो सुसरो। सोहद्रां ६१ मोहबतखारै काम भाटियांणी रांणीरो आयो' । बाप । १० अचळदास । ८ सुरतांण, रावळ वास । मेड़तारो राजोद पटै1 ° । ___ I कुछ वैरसलपुर में भी उसका भाग था। 2 जब जगमाल मर गया तव तुर्कोने मुमणवाहण पर अधिकार कर लिया । 3 पंचायण राव वाघाकी बेटी व्याहा था। 5 इसकी बेटी सुजानदेसे राजा सूरसिंहका विवाह हुश्रा था। 5 चार गांवोंके साथ वीझवाड़िया गांव जागीरमें। 6 सम्वत् १६६८में इसने दक्षिण में हाथीको मारा। 7 सम्वत् १६६१में मोहबतखांके लिये काम आया। 8 जगन्नाथको चांदरख गांव पट्टे मे, दौलताबादमें मोहवतखांके लिये काम आया। 9 पंचायणका बेटा राम । यह राव चंद्रसेनका ससुर और सोहद्रां (सुभद्रा) भटियानीका बाप है। 10 सुरतान, महाराजाका चाकर । मेड़ते परगनेका राजोद गांव पट्टे में ।
SR No.010610
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1962
Total Pages369
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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