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________________ मुंहता नैणसीरी ख्यात [ १५ ... १८ महासिंघ ईसरदासोत । १८ हरिसिंह, चांदा महेव१७ पंचाइण खेतसीरो । चारो चाकर। १८ रामसिंघ। १८ गोपाळदास । लोलियांण . १६ दुरजो । १६ तेजमाल । मारांणो'। १६ कांन्ह । १७ सकतसिंघ खेतसीयोत। १८ सुजांणसिंघ। संमत १६८५ खोखरो १८ अमरसिंघ । जेसळ मेर पट हुतो। समत १६८६ चैराई पटै । संमत १६पीपळे गांव छै। ८६ भेड़ गांव ५ सं पटै । १६ प्रथीराज। संमत १६६० भाटी १७ सिंघ खेतसीयोत। अचळदास साथै काम १७ वाघ खेतसीयोत, रा॥ प्रोयो । किसनसिंघजीरो साळो । १८ केसरीसिंघ । संमत १६किसनसिंघजीरै वास । ६० गांव ५ सूं भेड़ पटै'। किसनसिंघजी साथै १८ रतन । १८ महेसदास। कांम आयो। १८ हरिसिंघ । संमत १६६४ १८ गोवरधन, राव करमसेन मारियो । गांव ५ सूं भेड़ पटै। १६ गिरधर जेसळमेर छ । १६ पीथो। १६ अखो । १७ सांमदास खेतसीयोत, १६ नाहर। मोटा राजारो दोहीतो। १६ फतेसिंघ । पांचाड़ी-भाहरो गांव ७ १६ पाणंद। १६ चांदो। पटै । १६ हिमतो। १६ सुंदर। १८ मानसिंघ, दीवांगरै १८ देवीदास । संमत १६६६ . चाकर। मोखेरी पटै । I खेतसीका वेटा पंचायन। 2 अमरसिंह जैसलमेरके पीपले गांवमें रहता है। 3 खेतसीका वेटा बाघ, राठोड़ किशनसिंहका साला और किशनसिंहके यहां उसका रहवास । किशनसिंहके साथ काम पाया। 4 गोवर्धन जिसे राव कर्मसेनने मारा। 5 खेतसीका वेटा श्यामदास जो मोटा राजाका दोहिता और जिसे पांचाडी-भाहरो आदि ७ गांव जागीरमें मिले हुए हैं। 6 मानसिंह महाराणा उदयपुरका चाकर। 7 गोपालदास लोलियारणा गांवमें मारा गया। 8 खेतसीके बेटे सकतसिंहको संवत १९८५में खोखरा गांव, सम्वत १६६६में चैराई और सम्वत् १६८हमें पांच गांवोंके साथ भेड़ गांव, पट्टेमें थे। सम्वत १६६० में भाटी अचलदासके साथ काम या गया। 9 केसरीसिंहको सम्बत् १६६० पांच गांवोंके साथ भेड़ जागीरमें। 10 देवीदासको सम्वत १६९हमें मोखेरी गांव जागीरमें।
SR No.010610
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1962
Total Pages369
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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