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मुंहता नैणसीरी ख्यात सीरोहीसूं हद कोस २५ आथुण' दिसा । वांसवाहळो उदैपुरसँ कोस ४० वीच डूंगरपुर | कांकड़ 2 नहीं । उदैपुरयूँ कोस ५० ईडर । इण मारग' -
९ उदैपुर सींगड़ियो । ३ चंदवासो । ४ आहोर । ७ भीमरो लोगो (गोडो) । ७ पांनोरो भीलांरो । ९ छाळी पूतळी रांणारी | ३ दलोल कलोल ईडररी । ९ ईडर । उदैपुररी हवेलीरा गांव निजीक' तिणरो' हँसो' भोगरो' वरसाळी' - हैंसो ३ लाग सूधो " आधो । ऊनाळी" हैंसो ३ आध पड़े ।
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वात
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कछवाहो मानसिंघ कवरपदें । 2 । अकबर पातसाह गुजरात मेलीयो छौ । तद चीतोड़धणी प्रताप छै । सु रांगेजी मांनसिंघ कनैं 14 सोनगरो मानसिंघ अखैराजोत, डोडियो भींव " सांडावत मेलनै • हळभळ कराई हुती " । सु मांनसिंघ कछवाहो पाछो वळतो " डूंगरपुर "आयो । उठे " रावळ सैसमल मेहमांनी करी" । उठाथी 2 स लँबर आयो । तर सीसोदिये रावत खंगार रतनसीयोत मेहमांनी करी । रांणोजी तद घोघूँदै रहै छै । रावत खंगार मांनसिंघरी रीत - भांत दीठी " । प्रकत एकण भांतरी छै 22 । सु राणाजीनूं कहाड़ियो 23- 'राज ! मानसिंघ मत मिळो । ओ एकण भांतरो आदमी छै ।' रांणो वरजियों रह्यो नहीं 24 । आय मिळियो । मेहमांनी करी । जीमण पंगा” विरस" हुवो । तद मानसिंघ दरगाह गयो । राणा ऊपर मुहम
1 पश्चिमको ओर । 2 सोमा । 3 उदैपुरसे ईडर जाते समय निम्न प्रकार गाँव अंकित संख्याको दूरीसे मार्ग में आते हैं 14 निजी 15 समीप 16 जिसका । 7 हिस्सा | 8 कृषकको ओरसे ( खेत भोगने के उपलक्ष में ) खेत के स्वामीको दिया जाने वाला अन्नके रूपमें अमुक परिमाण निश्चित किया हुआ एक कर 1 9 खरीफ ( बरसाती या सावनू ) फसलका भाग। 10 सहित 11 रवी ( वसंत ऋतु) की उपजका भाग । 12 कुमार- पद पर 13 भेजा था । 14 पास । 15 डोडिया शाखाका क्षत्रिय सांडाका पुत्र भीम | 16 तैयारी कराई थी । 17 पीछे लौटता | 18 वहाँ | 19 भोजन आदिसे सन्मान किया, अतिथिसत्कार किया | 20 वहांसे । 21 तौर-तरीका, चालढाल । 22 प्रकृति एक निराले ही ढंगकी है। 23 कहलवाया । 24 मना करने पर भी माना नहीं । 25 भोजनके कारण | 26 मनोमालिन्य ।