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________________ मुंहता नैणसीरी ख्यात: [ ३४६ तरै मैहराज कह्यो—'कुही कहां नी" तरै वळे अरड़कमलजी हठ कर पूछियो, तरै मैहराज कह्यो "थे ठाकुर; थान को आपरो दावो चीतां न आवै'; नै म्हे धररा धणी ; म्हारा पेट छोटा सु वात एक चीता आई ।" तरै अरडकमलजी कह्यो-"किसी वात ?' तरै मैहराज कह्यो:-"रा। गोगादे वीरमोत मारियो, तद राव राणंगदे विसीठगारी गोगादेजीतूं कीवी थी , तद गोगादेजी कह्यो हुतो-"म्हारो दावो जोईयातूं को नहीं; म्हारा तीन सरदार पड़िया; जोईयांरा सात - सिरदार पड़िया; म्हारो कोई राठोड़ वैर मांगे तो राव रांणगदे कनै मांगज्यो । तद म्हारो बेटो आल्हणसी गोगादेजीरै साथै काम आयो तो. सु वा वात मोनूं याद आवै छै ।" तरै अरड़कमल कह्यो-“तिका वात हमार क्यूं चीत आई ? वे कठै हुवै?" तरै मैहराज कह्यो-“राव रांणगदेरो बेंटो टीकाइत सादो ओडीट मोहिलारै दिनां २ दोयनै परणीजसी ।" तरै अरड़कमल हेरू मेलिया; नै आप असवार २००सूं चढ़ खड़िया । बीच नाहरां ४ चाररो सवण' हुवो। आ वात घणी छै; सुअरडकमलरी वात मांहै लिखी छै1 । पछै सवण बोलावणनूं कुंवौरे गैहलोत गोदार गया नै उठे हेरू पाछो आयो, तरै अरड़कमल चढ़ खड़िया । सादो परणीजणनै चढ़ियो । वांसासू अरड़कमलजी गांव आधीसर जसरासर नागोर बीकानेर बीच आपडिया14 । तठे ...एक बार सादो मोर घोड़ारो पराक्रम दिखावण वास्तै घोड़ो दोडाय नीसर गयो15 । पछै पाछो फिर आयनै सादो काम प्रायो। जेठी ... ...पाहू राव रांणगदेरै वडो रजपूत थो सु जुदो चालियो जातो थो सु तिणनूं ईदा ऊगमड़ारा बेटा २ दोय आपड़िया, तिणनै मारनै नीसरियो। सादा मारियारी खबर जेठी पाहूनूं न हुई । पछै जेठी पूंगळ गयो, तरै राव ... I कुछ भी नहीं कहता। 2 तुमको तो कोई अपना दावा (वरका बदला लेना नहीं आता। 3 हमारे छोटे पेटमें यह एक बात याद आ गई। 4. कौनसी वात ? 5 उस समय राव रांणगदेवने गोगादेजीकी अप्रतिष्ठा की थी। 6 जोईयोंसे मेरा कोई दावा नहीं रहा । 7 वह बात इस समय क्यों याद आ गई और वे कहां हैं ? 8 गुप्तचर । 9 और खुद २००. सवारोंके साथ चढ़ कर चल दिये । 10 शकुन। II यह प्रसंग बड़ा है सो अरड़कमलकी बातमें लिखा है। 12. सादा विवाह करनेको रवाना हुआ । 13 पीछेसे । 14 पीछे भाग कर पकड़ लिया। 15 निकल गया। . . गांव यादी
SR No.010609
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1960
Total Pages377
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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