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मुंहता नैणसीरी ख्यात
सांखला जांगलवा १ वैरसी वाघरो । यो
३ महिपाळ राजपाळरो। ... सांखलो हुवो।
४ रायसी महिपाळरो। २ रांणो राजपाळ वैरसीरो।
वात रायसी महिपालोतरी रायसी महिपाळोत रूण छाडिनै नीसरियो जांगळू । च।। प्रथीराजरी वैर अजादे दहियांणी आ ठोड़ वसाई थी त? प्रांण गूढो करनै रयो । ऊपर वरसात आयो, तरै क्यूं ढाक-पळासियारा अासरा किया छै । सु उठ जांगळूरा कोट नजीक गूढो छै तठै रहै छ, नै रूणरा विगाडनूं दोड़े छै । नै अठै सांखलारी बैरा' पांणीनै जाय सु दहियांरा कँवर ४० तथा ५० भेळा हुवा फिरै छ । तिके वेहड़ानूं गिलोलां वाहै छै. सासता वेहड़ा फोड़े छ । बैर सखरी' देखै तिका वे कपूत कँवर थोकारै छै11 । अ कहै छै2-"हूँ पा लेईस, हूँ या लेईस ।” सु गूढारा लोग सारी वात सांखला रायसोनूं जाय कहै छ । सु रायसी राहवेधी14 छै । रायसी धरती लेण ऊपर निजर राखै छ। ... सु सारा आपरा लोगांनूं कहै छै-"आपणो इसड़ोइज समै छ,15 दाव . देख चालणो16 " तिण समै जांगळू मांहै वांभण' एक केसो उपाधियो रहै छै सु तळाई जांगळूरी प्रोळ रै मुंहडै आगै करावण मतै छ । सु भो सदा दहियांनूं कहै छै–“कहो तो हूं अठ तळाई कराऊं" सु दहिया करण न दे छै । सु प्रो गाढो दिलगीर छ, न राहवेधी
. I महिपालका बेटा रायसी रूप छोड़ करके जांगलूको निकल गया। 2 स्त्री,पत्नी। 3 यह स्थान आवाद किया था। 4 वहां आकर गूढा (गुप्त स्थान) वना कर रहा । 5 वर्षा आई तव ढाक-पलास आदिके झोंपड़े बना लिये हैं। 6 और वहांसे रूपमें लूट-खसोट करने व डाके डालनेको जाते हैं। 7 स्त्रियें। 8 जो घड़ोंको गुलेलें मारते हैं। 9 निरंतर । 10 सुंदर। II अपनी ( स्त्री ) बनानेकी नीच कामना करते हैं। 12 ये कहते हैं। 13 मैं यह लूंगा। 14 दूरदर्शी। 15 अपना समय ऐसा ही है। 16 अवसर देख कर चलना। 17 ब्राह्मण। 18 जांगलूकी पोलके ठीक सामने ही एक तलाई करानेका विचार : करता है। 19 अत्यंत ।
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