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मुंहता नैणसीरी ख्यात
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तरै पड़िहार गोहिल भेळा हुय बाहर चढ़िया, सुगांव नाकोड़े आपड़िया" । गायां तो कोट पोहती । हंसपाळ घोड़ो नाखियो सु प्रोळरा किवाड़ भागा । तं पंवार मांणस ४०० कांम आया | मांणस ३०० गोहिल पड़िहार कांम आया । हंसपाळरो माथो तूट पड़ियो । हंसपाळ माथी पड़ियै पर्छ धड़ गायां ले वळियो । गायां खेड़ प्रांणी' | पणहारियां कह्यो - "देखो माथा विण धड़ आवै छै ।" तठै हंसपाळ पड़ियो । पछै पड़िहार परणण ग्राया" ; फेरा २ लिया; तरै वूंट बोली - "गोहिल थांसूं छूटा ।" पड़िहार कह्यो - "छूटा।” तरै इण वूंट कह्यो - " मैं तो थांनूं वरजियो थो" पण थे मांनियो नहीं । हमैं गोहिलांसूं खेड़ जाज्यो' । पड़िहारांसूं मंडोवर जाज्यो'4।” इणां दोनांहीनूं वूंट श्राप देने उड़ गई । उड़तीनूं वूंटरै मांटी हाथ घातियो सु एक लूंगड़ो वूंटरो हाथ ग्रायो नै वूंट उड़ गई” ।
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बात
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गोहिलां कनां'" खेड़ राठोड़ां ली, तरै " गोहिल खेड़ छाड़ नै'
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एक वार - कोटड़ारै देस वरियाहेड़े गया । पछै उठाथी धांधळे मारे नै पर। काढ़िया, " तर कितराहेक दिन सीतड़हाई जेसलमेरथी कोस १२ छै तठै जाय रह्या । पछै उठेही " राठोड़ां आगे रह न सकेँ । तरै जेसळमेररो धणी गोहिलांरै परणियो हुतो सु
रावळ कनै
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I तव पड़िहार और गोहिल दोनोंने शामिल होकर पीछा किया। 2 सो गांव नाकोड़ा में उनको पकड़ लिया 1 3 हंसपालने अपना घोड़ा ऐसा डाला सो पोलके किंवाड़ टूट गये । 4 वहां । 5 मनुष्य । 6 हंसपालका सिर कट कर पड़ जानेके बाद उसका धड़ गायोंको लेकर लौटा | 7 गायोंको खेड़ में ले आया । 8 देखो: बिना सिरके बड़ श्रा रहा है । 9 (पनिहारिनोंके ऐसा कहते ही घोड़े परसे) हंमपाल ( का धड़) वहाँ गिर गया । ० फिर पड़िहार विवाह करनेको ग्राये । 11 तब बूट वोली, गोहिल तुमसे ऋणमुक्त हुए । 12 मैंने तो तुम्हें पहले मना कर दिया था 1 13 अब गोहिलोंसे खेड़ छूट जाय । 14 पड़िहारोंसे मंडोर छूट जाय 1 15 उड़ती हुई को वूटके पतिने हाथ डाला सो वूटका एक वस्त्र उसके हाथ श्राया परन्तु बूट तो उड़ गई । 16 से, पाससे । 17 तव । 18 छोड़ कर ! 19 पीछे वहांसे भी बांधलीने मार कर निकाल दिया। 20 कितनेक | 21 वहां भी ।