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________________ ३३० ] मुंहता नैणसीरी ख्यात कछवाहा कहीजें'। जिणरा भाख रोत-कछकुंभो उकरणरो भाई। वाहा कही । भड़सीकुंभांणियांरी वडी पीठ पोता। छ । अांबेर चाकर छ। ... वेणीदास । ... महेसदास पीथारो। ... साहिबखांन वेशीदासरो। ... किसनसिंघ । राजा भलो रजपूत हुवो। जैसिंघरै बटा कीरत पैहली आसपखारै थो"। .. सिंघ कनै रहतो । संमत पछ पातसाही चाकर १७०८ काविल मीच हुवो। मुंबो। किसनसिंघ साहिव१२ जुणसी कुंतळरो। खांनरो । रांजा अनुरुष १२ हमीर कुंतळरो। जिगरा गोड़रो चाकर' । हमीर-पोता-कछवाहा १२ कछवाहो भड़सी , कहोज, सु हमीरदेरा कुंतळरो। तिगरा पोतरा घण। डील छै । कीतावत-कछवाहा .. प्रांवेर चाकर छै । केई कहीजै । नरायण चाकर छ । १२ पालणसी राजा ....... ... पतो! कुंतळरो जिणरा जोगी... स्यांमसिंघ पतारो। कछवाहा कहीजै । . राजा जैसिंघरो चाकर। इगांरी ठाकुराई ... रामसिंघ पतारो। पैहली जोवनेर हुती। १२ भड़सी राजा कुंतळरो हमैं तो जोबनेर जोगियांसूं . _I जुगसीका पुत्र कछवाहा कूभा जिसके वंशज कुंभाणी-कछवाहे कहे जाते हैं। 2 कुंभारिणयोंकी बड़ी प्रतिष्ठा है। 3 किशनसिंह राजा जयसिंहके बेटे कीतिसिंहके पास रहता था, सं० १७०८ में कावुलमें अपनी मौत मरा। 4 कुंतलका बेटा हमीर, जिसके वंशज हमीर-पोता कछवाहे कहे जाते हैं, हमीरदेवके पोतों आदिका बड़ा कुटुम्ब है, कई आमेरमें और कई नरागमें चाकर हैं। 5 जिसके वंशज भाखरोत-कछवाहे या भड़सी-पोता कहे जाते हैं। 6 पहले आसफखांके यहां नौकर था। 7 राजा अनिरुद्ध गौड़का चाकर। 8 जिसके ... कीतावत-कछवाहे कहे जाते हैं। 9 जिसके जोगी-कछवाहे कहे जाते हैं। 10 इनकी। ..
SR No.010609
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1960
Total Pages377
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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