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________________ .. ३०२ ] मुंहता नैणसीरी ख्यात २३ हरिसिंघ । २१ बालोजी राजा जगनाथरो। २१ बलकरण राजा जगनाथरो। रावळे रह्यो थो। मेड़तारी रेयां पटै। २० भोपत राजा भारमलरो। अकबर · पातसाह गुजरात गयो __ नै मुदफर पातसाह वेढ की त? मुंदड़ा आगै काम प्रायो। २० सलेहजी राजा भारमलरो । वडो रजपूत हुवो । पैहली राम दास ऊदावतरै सलेहदीजीरै बालार. थो, पाछो पातसाही चाकर हुवो। २० सादूळ राजा भारमलरो। २० सुंदरदास राजा भारमलरो । २० भगवानदास राजा भारमलरो। .. २१ मोहणदास भगवानदासरो। २१ अखैराज भगवानदासरो। २२ अभैरांम जागीरी ऊपर मुगल १ मारियो, तिण ऊपर जहां गीर पातसाह अंबखास माहै रोकियो । कह्यो- 'बेड़ी पहर" तरै लोह कर मुंवो । २२ स्यांमरांम अखैराजरो। अभैरांम साथै काम आयो । २२ हिरदैरांम अखैराजरो। २३ जगरांम, पातसाही चाकर। लवांइण पटै । पैसोररै थाणे । २३ रामसिंघ, उदैहीरै गांव वाघोर रैहतो। २२ विजैरांम अखैराजरो। १६ भीवराज प्रथीराजरो । रावजी वीकानेरिया लूणकरणजीरो दोहितो' । I बादशाह अकदर गुजरात गया और मुदफ्फर बादशाहने लड़ाई की उसमें अकवरके : सन्मुख काम आ गया। 2 पहले रामदास ऊदावत और सलेहदीके परस्पर संबंध था। ... .. 3 दरवार-इ-ग्रामखास । 4 तव तलवार चला कर मर गया। 5 जगराम बादशाही चाकर, ... ... लवाणा जागीरमें और पेशावरके थाने पर रहता था। 6 उदेही परगनेके वाघोर गाँवमें रहता था। 7 बीकानेरके राव लूणकरणजीका दोहिता । . . . . .
SR No.010609
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1960
Total Pages377
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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