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१ मीटांण ।
१ वीजवा ।
१ आसावाड़ो ।
१ ग्रहावो खुरदा ।
१ जोखवर |
१ गोवील ।
१ ग्रैवड़ी | भाटांरी ।
१ सेसू | त्रिवाड़ियांरी । १ खोड़ादरो ।
९ जायल |
१ नेनरवाडो ।
१ पातंवर । चारणांरो ।
थोडवाडिया । चारणांरो ।
मुंहता नैणसीरी ख्यात
१
१ कासधरा । धधवाडिया |
खींवराजनूं ।
१ मोरथलो ।
१ ग्रासादस ।
१ खांणां ।
१ मालावास ।
मांडली
१
1
१ जुवाद |
वासडेसो | भाटांरो ।
१
१ धुंवावस |
१
लांणो | भाटांरो ।
१ खुराड़ी । भाटांरी ।
१ ताड़तोली | वांभणांरी ।
१ खांडायत । वांभगांरी |
१ कारोली । भाटांरी ।
गणकी । भाटांरी ।
१
१ पांडरी । भाटांरी ।
१ पालड़ी | रावळांरी ।
१ पीपळी | रावळांरो ।
१ वाढेल । बांभणांरी ।
पालडी | रावळांरी ।
१
१ खड़वळोदो ।
तिथमी |
१
वात सीरोहीरा धणियां- पाटवियांरी, आबू लियांरी'
ग्रावू पंवारांरै छै, सो तो घणा दिनांरो छै । राजा प्रथीराज चहुवांणरै जैत पंवार बड़ो सांवंत हुवो छै, जिण वेढ़ मांहे प्रथीराजनूं साहबी दो' । गोरी झालियो', तद जोसी जगजोत ग्राय को"दिल्ली छत्रभंग होय तिसड़ो जोग छै ।" तरै जैत पंवार कह्यो - " ग्राज वेढ़रै दिन म्हारे माथै छत्र मांडो' । श्रा अलाइ-बलाइ मोनूं I सिरोही के स्वामी और उनके पाटवियोंकी ( राजकुमारोंकी) ग्रावू पर अविकार किये जाने संबंधी वात । 2 राजा पृथ्वीराज चौहानके पास जैत पंवार बड़ा वीर सामंत हुआ है । 3 जिसने युद्धमें पृथ्वीराजको राज्य वैभवसे सम्पन्न किया । 4 शहाबुद्दीन गौरीको पकड़ | 5 दिल्ली राज्यका छत्रभंग हो ऐसा योग वन रहा है । 6 ग्राजके युद्ध के दिन छत्र मेरे पर रख दो |