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________________ मुंहता नैणसीरी ख्यात [ १७३ "सोरोही जाळोर गांव बराबर लागै छै । दांण रावरै घणो आवतो तद रु० ५००००) तथा ६००००) आवतो' । इणां दिनां तो घाट आवै छै । सीरोहीरो आध चंदा, अमरारै लीजै छै । विभोगैरा गांव १०० तथा १२५ छै ।" प्र० सीरोहीरी फिरसत मुं० सुंदरदास जाळोर थकां इण भांत लिख मेली हुती । गांवांरी विगत१६ रोहाई-भीतरोटरा कहावै २३ भीतरोटरो पथग कहावै । ४० बाहरोटरो पथग। ४८ साठ-मंडाहड़। ७२ मगरारा गांव तथा झोररा गांव । १२ आबू ऊपर। ६ श्रीमहादेवजी सारणेसरजीरा गांव । ७७ सांसण, चारणां-बांभणारा । ३० तीसरा वागड़ियां देवड़ारो उतन । २४ सोळ कियांरो उतन । सीरोहीरा गांवांरी तफसील - १६ गांव रोहाई-भीतरोटरा कहावै छै'१ बाळधो। १ वीरवाड़ो। १ लोदरी। १ उदरा। १ सीहणवाड़ो। १ सीवेर। १ तेलपुरो। १ झाड़ोली। I रावके ज्यादा कर पाता तो वह ५००००) तथा ६००००) तक आता था। 2 इन दिनोंमें तो कम आता है। 3 विभोगे कर वाले १०० तथा १२५ गांव हैं । 4 सिरोहीके . परगनोंकी सूची मुंहता सुंदरदासने जब वह जालोरमें था, इस प्रकार लिख भेजी थी। 5 गाँवोंकी सूची। 6 सिरोहीके गाँवोंकी तफसील (ब्योरा)। 7 सिरोहीके ये १६ गाँव रोहाई-भीतरोट (रोही-भीतरोट) पट्टीके कहे जाते हैं ।
SR No.010609
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1960
Total Pages377
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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