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बूंदीरा देसरी हकीकत ___ संमत १७२१ रा जेठ माहै रा० रामचंद जगनाथोत' मंडाई। बूंदी सहर भाखर लगती वसै छै । रावळा-घर भाखरके आधोफरै' छै। पिण माहै पांणी मामूर नहीं । सहर आयो पीजै । भाखर वाळारो सहर लगतो' । झाड़ घणा । वळारै भाखर में पांणी घणो । सहर माहै पाखती' पाणी घणो। वडो तळाव सूरसागर, तिणरी मोरी'' छूटै छ, तिणसू वाघ-वाड़ी घणा पीवै' । वागे" प्रांबा फूलाद चंपा घणा । सहर वस्ती उनमांन' घर ५०० वांणियांरा, घर १०० बांभण-विणजांरारा", घर सो पांच भईया-हीड़ागरांरा । - राव भावसिंघनूं हमार" जागीरमें इतरा' परगना छ । तिणांरा' गांव
३१६ प्र० बूंदी। ३६० खटखड़ बूंदीसू कोस ६ । ८४ पाटण बूंदीसू कोस १२ । ४२ लाखेरी गोडां वाळी, बूंदीसू कोस ६ । बूंदीरी पाखती हाडोतीरा परगना--
१ परगनो मऊ खीचियारो । उतन मऊरा परगना मां है । सिंध भली नदी सदा बहती रहै छै । मऊसू कोस ७ गांव धूळकोट छै त, नीसरै छै" । पांणी मूळ धुंडवांणरो आवै छै । आहीज' नदी गढ़ गांगुरणरै हे?" नीसरै छ । तिको मऊरो परगनो राव रतन
I जगन्नाथके पुत्र राव रामचंदने संवत् १७२१ के ज्येष्ठ मासमें लिखवाई। .. 2 पास। 3 जागीरदारके घर। 4 मध्यमें। 5 सर्वथा। 6 शहरमें आने पर पानी पीनेको मिलता है। 7 अरावली पहाड़ शहरके निकट । 8 वृक्ष । 9 पास। 10 मोरी बहती है। II जिससे वाग और बाड़ियोंको बहुत पानी सींचा जाता है। 12 बागोमें । 13. पुष्पों वाले वृक्ष और पौधे । 14 अनुमान । I5 ब्राह्मण-बनजारे, बैलों पर माल इधरसे उधर ला-लेजा कर क्रय-विक्रय करने वाली एक प्रसिद्ध व्यापार करने वाली जाति। 16 पांच सौ घर छुट भाई नौकरोंके। 17 अभी। 18 इतने। 19 मऊसे । 20 कोस पर धूलकोट गांवके पासमें होकर निकलती है। 21 गुंडगांवके श्रोतका पानी ही मुख्यकर इसमें पाता है। 22 यही।