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मुंहता नैणसीरी ख्यात डेरो कीयो। वांसां2 घरांसू सुणावणी आई । पाघ' आई । राणी बळणनुं तयार हुई । चह खिड़क तयारी करी। तिण वेळा नागदहा गांव वांभणाँ रांणीनुं कह्यो - "पेट आधांन थकां' बलियां दोखण घणो छै । थारै दिन पिण पूरा हुआ छै।" दिन १५ तथा २० रांणी छूटी। बेटो जायो । तठा पछै रांणी १५ तथा २० वळे' रहि नैं माथो धोयो । पछै चह तयार हुई । रांणी बळणनं चाली छ । डावड़ो राँणीरी गोद मांहै थो। सु उण ठोड़ कोटेश्वर महादेव छ । तठे बांभण विजयदत पुत्र अर्थ सेवा करै छै । तिणनूं14 से रांणी तेड़ नै पटोला सू वीटनै18 बेटो दीयो। बांभण विजदत्त जांणीयो क्युइ' माल छै । सु विजदत्त उरो लीनो20 । तितरै डावड़ो रोयो तरै वांभण कयो – “ौ रजपूतरो वेटो2 हूं किथो23 करूं ? सवार24 ओ25 सिकार रमै । जिनावर मारै । मोटो हुवै । तर वैर-वाढ26 कर दुनीसू । हूं अधर्म भेळो होऊं । म्हारो कर्म-धर्म जाय । मोसौ28 यो दांन लीयो नहीं जाय ।" तरै रांणी विजैदत बांभणनूं कह्यो - "थे वात कही सु सही, पिण29 जो हूं सतसू30 बळू छु, तो इण डाबड़ारी ओलादरा राजा हुसी32, तिके3 दस पीढी थाहरै34 कुळरै आचार हालसी । थाँ घणो सुख देसी ।" तरै बांभणनूं डावड़ो दीयो। सु वांभण विजेदत्त लीयो। कितरोइक38 ऊपर गहणो, क्युइक रोकड़ दीयो । तद बांभण डावड़ाने ले घर गयो । रांणी बळी । तठा पछै विजैदतरै उण डावड़ारी ओलाद हुई सू पीढी १० बांभणारी क्रिया चालीया । नागदहा वांभण कहांणां ।
1 आ कर डेरा डाला। 2 पोछेसे । 3 मृत्यु-समाचार । 4 पगड़ी। 5 चिता । 6 समय । 7 गर्भ होते हुए । 8 दूषण पाप । 9 गर्भके नौ मास पूरे होने आये हैं । 10 रानीको प्रसव हुआ। 11 और । 12 सूतिका स्नान किया । 13 पुत्र । 14 उसको । 15 उस । 16 बुलाकर । 17 वस्त्र । 18 लपेटकर । 19 कुछ माल 1 20 लेलिया । 21 इतनेमें । 22 मैं । 23 यया । 24 फल, भविष्यमें । 25 यह । - 26 शत्रुता और लड़ाई। 27 दुनियासे । 28 मेरेसे 1 29 परन्तु । 30 पातिव्रतको सत्यतासे । 31 संतानके । 32 होंगे । 33 वे । 34 तेरे । 35 अनुकरण करेंगे। 36 तुमको । 37 देंगे। 38 कितनाक । 39 कुछ। ..