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राजस्थान पुरातत्त्वाचेपण मन्दिर - हस्तलिखित ग्रन्यसूची, भाग २; परिशिष्ट - ३; इन्द्रगढ़ पोथीखानाग्रन्यसूची ]
कर्त्ता
विषय
पत्रसंख्या
क्रमाङ्क
ग्रन्थनाम
(च) प्रह्लादचरित्र
(छ) भरतचरित्र
(ज) राजा मोहमदकी कथा (झ) सुन्दरदासजीके सवैया
(क) फुटकर कवित्त
(ख) हाथी के लक्षण
६१
(ग) रागमाला नखशिसवर्णन व कोकसार ६२ (क) सुखसंवाद
६०
(ख) गणेशगोरखसंवाद ६३ | सतसई ( डिंगल )
६४ | गीतवही ( ६८० गीतों का संग्रह )
६५ भगवद्गीता का अनुवाद
६६
(क) विवेकविचार
(ख) फुटकर रागसंग्रह
जनगोपाल
31
सुन्दरदास
आनन्दकवि
संग्रामसिंह
शिवसिंह
भाषा
हिन्दी
"
13
"
"
17
"1
1:5
काव्य
""
""
23
13
कामशास्त्र
11
राजस्थानी | सन्तसाहित्य
19
ज्यौतिष
संगीत
""
काव्य
13
21
हिन्दी ( व्रज ) | वेदान्त
हिन्दी
17
संगीत
१९६-२१४
|२१४-२२१
| २२१-२२६
२२६-३१७
१-३५
३६-४७
१-१६
२६
१-४६
१-१६
६३
२२८
१८८
४०
२०
लिपिकाल
१८६८
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"1
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२०वीं श
31
"
१६०७
२०वीं श.
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१९३४
२०वीं श
१६००
१८६७
19
13
अन्तमें
पत्रोंसें नाम महिमा व दासजीको नाम महिमा है । लि.क. ब्राह्मण भुवाना ।
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[ ३५७.
15
विशेष
लि.क. रघुनाथसिंह
अन्तमें पत्र सं. ५० तक
जनगोपाल श्रादिके
भजन हैं ।
पूर्ण
कि.क. रघुनाथसंह, कोट विद्ध
लि. क. ब्राह्मण भुवाना
लि. क. राव जुहार 'मताप ( महताब ) पुत्र,