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RAMCHARMAHA
राजस्थान पुरातत्त्वान्वेषणमन्दिर-हस्तलिखितग्रन्थसूची, भाग २ परिशिष्ट-३, इन्द्रगढ़पोथीखानानन्यसूचि ] , क्रमाक | ग्रन्थसूची
कर्ता
विषय | पत्र संख्या
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भाषा
लिपिकाल
विशेष
ज्योतिष
६ २०वीं श.
५१ शकुनावली
अन्तमें १८ पत्रों में कुछ दोहे हैं
काव्य
संस्कृत हिन्दी
५२ (क) गीतगोविन्द
जयदेव (ख) भजन-संग्रह
चन्द्रसखी मीरां आदि (ग) फुटकर कवित्त ५३ / रामचरितमानस (बाल, अयोध्या, | गो. लसीदास
लंका व उत्तरकाण्डके स्फुट पा)
१-३८ १-५० १-३४ १२४
१८८४ अपूर्ण, चा.क के केवल
२ पत्र (३१वां व ३२वां । है) इसी प्रकार अन्य
काण्ड भी अपूर्ण हैं । बीच
बीचमें पत्र नहीं हैं १९१७ लि. फ. ब्राह्मण रामनाथ १८७१ लि. फ. लच्छीराम भगत १६०२ १९२६ लि. फ. रामनायाह्मण,
५४ पाण्डवयशेन्दुचन्द्रिकाटीका (बोधिनी) रसाल ।
५५ | पृथ्वीराजरासो (एकादशखण्डान्त) | चन्दवरदायी .:. ५६ / भाषाभूषण
जसवन्तसिंह हितहमेल (४२वां ग्रन्य) संग्रामसिंह
१६३ १३० २३
रसालंकार
"
राजस्थानी फाक्य
कांटो
मू. मतिराम, टी. शिवदत्त | हिन्दी नफुल
२०वीं श.
५८ । (क) रसराज सटीक
(ख) शालिहोत्र (फ) अजामिलचरित्र (ख) कबीरजीकी बारगी (ग) नामदेवजीकी वाणी (घ) ध्रुवचरित्र
कवीर नागदेव जनगोपाल
रसालंकार श्रायुर्वेद
ওও काव्य सन्तसाहित्य १-१२१
१२१-१७५ काव्य । १७५-१६६
१८६८ अन्तमें ८ पत्रों में नाम
महिमा' व 'दासजीको
नाममहिमा है " लि. क. ब्राह्मण भुवाना