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राजस्थान पुरातत्त्वान्वेषण मन्दिर-हस्तलिखित ग्रंथ सूची, भाग-२; १५-काव्य-नाटक-चम्पू]
[ १२६ विशेष उल्लेखनीय
लिपि समय | पत्र संख्या
ग्रन्थाङ्क
क्रमाङ्क
कर्ता आदि ज्ञातव्य
ग्रन्थ नाम
हनुमत्कवि वृत्तिकार गुणविनय जयदेव
६ जीर्ण और प्राचीन.प्रति २०
४४ ५९६८ खण्डप्रशस्ति
४२७६ खण्डप्रशस्तिवृत्ति ! ५०६० | गीतगोविन्द ४७ ५२०५(१६) ४८ ६०६० , (सटीक त्रिपाठ)
६७३४ ६०६८
सटीक ६७८६
१६वीं श. १८वीं श. १६वीं श. १८वीं श. १९वीं श. १८१८
६६से८६
४६
, टी. चैतन्यदास जयदेव मू., टी. चैतन्यदास जयदेव
१८७७
१९वीं श.
बालबोधिनी टीका,लि.मथुरामध्ये | १२,११,१२,१३,१४.६१,६२
६३ वा पत्र अप्राप्त | अपूर्ण, प्रथम पत्र शोभन
५२६८५७
७६२८ ५४ ७७५१
१८वीं श. १६८३
,, सार्थ, पदसंग्रह
गुटके के अंतमें सूरदास, हरदास परमानन्ददास, कृष्णजीवनी, लच्छीराम आदिके पद व परशुराम कविके दोहे तथा तुलसी बीजमंत्रादि लिखे हुए हैं।
५५ ७७५५
१६वीं श.
५६ ५१५७
"
सटीक
जयदेव, टी. शेष कमलाकर
१८३०
६२ साहित्यरत्नमालाख्या टीका
लि.क. हरिचंद मथेन (मथेरी)
रूप नगरमध्ये ३०५ | टीका नाम व्यङ्ग यार्थसदायन'है
५७ ६९८०
गोवर्द्धनसप्तशती सटीक
मू. गोवर्द्धन, टी. अनन्तपण्डित | १२१२