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________________ गीत-आदि २६१ ] क्रमांक ग्रन्थाङ्क प्रन्यनाम • कर्ता भाषा लिपि- पत्रसमय विशेष | ३५६५ द्विकन्यासंवाद ग्रन्थ -- वहि० १८वीं श. ३७६ ३६० रा०गू० " वां || ३५५० धन्नासज्झाय ३५४६ २४३ | " १६१ | थरातीर्थगीत आदि राज०। ७५-७७ (१४) ३५७५, नन्दीश्वरस्तवन रा० गू०/२०वीं श. २६१(५६) २१२ ३५७५ नंदीसूत्रसज्झाय शिवचन्द्र " " | २६२(६०) ३५१६ नवग्रह छंद शंकर ३५७५ नवपदस्तवन जिनलाभ २०वीं श. १०६ ११३ ३५७५ नवकारवालीस्तवन | राजसोमपाठक " (३६) चोढालीयो १६५ ३५५४ नवकारसज्माय | " १६वीं श. २६ वां (१५) २३१५ | नवरात्रि कवित्त जयलाल रचना सं. १६२७ | कवि के हस्ताक्षर । २०४६ १६ नववाडसज्झाय जिनहर्परागू० १६वीं श. ५ संवत् १७७६ मे रचित ।२०६० नववाडसज्झाय बल- | अनेक कवि " १७वीं श ४५ भद्रसज्झायादि संग्रह नित्य के कीर्तन | १८५२ | १-८८ नित्य के पद | " २०वीं श १८-३८ 73 ७६ नीसाणी केसोदास गाडण | राज० १८वीं श. १०२ रा नीसाणी कवित्त " १६वीं श. ७४-७५ नेमजी का बारहमास | श्यामगुलाब व्रज. " | ४१-४४० गुटका। नेमराजीमतीबारमास ज्ञानसमुद्र
SR No.010607
Book TitleHastlikhit Granth Suchi Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvijay
PublisherRajasthan Puratattvanveshan Mandir
Publication Year1956
Total Pages337
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size12 MB
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