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राजस्थान पुरात्वान्वेपण मन्दिर
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ग्रन्थनाम
कर्ता
.. | लिपि । पत्र| भापा
समय | संख्या
विशेष ः
२८८ | ३६७४ | मंगलकलश चोपाई
लक्ष्मीहर्प
मगलकलश फाग
कनकसोम- वाचक दीप्तिविजय
| २०२६ मंगलकलशरास
रागू० | १८६६
वाडवास में लि स. १७१६ मैं
नयर में रचि १७वीं श. ७ । सं० १६४६ में;
रचना। १८७४ ३३ सं० १७४६ में
रचित । रानेर
लिखित। " १८६६ ४६ | रचना सं०१७४६ ) , १७वीं श. १५ सं० १६८८ बीलपुर
मे रचना। रा० १८वीं श. १०२से
२६१ / २०८६ | मंगलकलशरास २६२ | ३४८८ मत्स्योदरकुमाररास
पुण्यकीर्ति
| ११४२ मधुमालतीचोपाई
चतुरभुजदास
३५४७
। मधुमालतीचोपाई | मधुमालतीचोपाई मधुमालतीचोपाई मधुमालतीचोपाई
१८२८ | १-३३ कंटालिया ग्राम में
लिखित । १८२६ / ५८-8 संग्रामसिंघशासित
कटालिया में लिखित | देवगढ़ में लिखित।
(१)
३५५८
१६वीं श. १-६३
३८४१
मधुमालतीचोपाई मधुमालतीचोपाई सचित्र मलयसुन्दरीरास
१८५६ । ३२. लसाणीग्राम में लिखित १८७७ | १४१ ।
चित्र स०८७ है।
२०२६
| कान्तिविजय
१७६६ / ८४
राधनपुर में लिखित, स०१७७५ मे पाटख
में रचित ।
६०४ माधवानलकामकंदला
चोपाई
स० १६१६ मे जेसल पुर मे रचना, जयः तारणि में लिखित स०१६१६ मे जेश
"
(१६वीं श. २१
माधवानलकामकंदला चोपाई माधवानलकामकंदला चोपाई
मेर में रचित ।
१८६६
२०
सं० १६१६ में जेस लमेर मे रचित । मानकूया मे लिखित