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रास
२११ ]
क्रमांक ग्रन्थाङ्क
प्रन्यनाम
कर्ता
विशेष
समय | संख्या
२२१०१
वाललीला
रागू० १६वीं श. १-३
.... "
| २१६७ वाललीला ३५६६ | बाललीला
बहिः २०वीं श. १८ , १७वीं श. ३७-४१
नारायणदास बडोदरी ज्ञानसागर
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११४१ | विल्हणपंचाशिका
चौपाई
रागू० | १८०७/ २० पत्र १,२ अप्राप्त ।
अजार मे लिखित ।
कामीजनार्थ रचित । " ५७८३ / १२-१४मगरवाडा में लिखित ।
२७६ / २०४२
बुद्धिरास
शालिभद्र
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२
| ३४८०
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| बुद्धिरास
१८वीं श. २ | ३१६५ बुद्धिरास
१७वीं श बुद्धिरास
१८वीं श. २८० २२७४ भक्तमाल सटीक मू० नाभाजी बहि० १८३६ | २२० । मामकरकेडि (पुष्कर टी. प्रियादास
मंडल) में लिखित । टीकारचना
स०१७६६। २०२३ भमरगीता विनयविजय | रागू०/ १७३४ । १-२ |सं.१७३६ (१७३२)
में रचित।
पत्तनद्रग में लिखित | भमरगीता
मैनाहिन रा० १७६८ | भंवरगीत
ब्राहि० २८वीं श५-१७ वडनगर मे लिखित ।
| पत्र १ से ४ अप्राप्त। | भोजचरित्र चौपाई | कुशलधीर रागू० | १७४० ३५ | पत्र १४, १५, १६
अप्राप्त । सं. १७३० मे सौमितनगर में रचना । वाहलग्राम
मे लिखित । ११२३ | मगलकलशचरित्र रास | सर्वाणंदसूरि " १७वीं श| ३०-३४ ३५१६ मंगलकलश
मगलधर्म " " १२ सं० १५२५ में रचना। चौपाई ३५५४ मंगलकलश
लक्ष्मीहर्प " | १० | १-१२ | बगडी मे लिखित । चौपाई
स.१७७६ मे काकंदी नयर में रचिन।
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