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१८-
राजस्थान पुरातत्वान्वेषण मन्दिर
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क्रमांक प्रन्थाङ्क
प्रन्थनाम
फर्ता
भापा ।
| लिपि- पत्रसमय | संख्या
विशेष
२०१२ प्रश्नशतप्रकरण सार- मू:जिनवल्लभ | सं० | १५०४ ७ पल्दादनपुर में चूर्णि पंचपाठ
लिखित । दूसरा पत्र
अप्राप्त ।। १५७५ प्रश्नोत्तरसमुच्चय | कीर्तिविजय |, १७वीं श ४७
(हीरप्रश्न) प्रश्नोत्तरसार्धशतक- क्षमाकल्याण रा
सं०१८५३ में भापा
बीकानेर मे रचित। प्रश्नोत्तरसार्धशतक
स०१८५३ बीकानेर में रचित तथा
लिखित। | १०३१ भवभावनाप्रकरण
| मू०प्रा०/१५वीं श. १० सारचूरि
अव०सं | १०६२ भवभावनाप्रकरण हेमचन्द्रमूरि प्रा.रा. | १८६६ | १५ | स्तबक रचना संवत् सस्तबक स्त.शांतिविजय
१३२५॥ चंबारी
नगर मे लिखित । | १५७६ | भावप्रकरण सावचूर्णि मूविजयविमल मू०प्रा० १८वीं श. ७ अवचूणि रचना | श्रम स्वोपज्ञ अव०सं०
सं०१६२३। १०३० | भाष्यत्रय सावचूरि मू० देवेन्द्रसूर प्रा.व. १७२३ / १६ त्रिपाठ
सोमसुन्दर । सं. ३५२५ मनस्थिरीकरणविचार सोमसुन्दर | रागू०१६वीं श १३ | पत्र २,३,४ अप्राप्त। १००१ | रत्नसंचयप्रकरण सस्त- मूबङसाह | मू प्राध्वीं श ४६ वक
स्त रान २५४६ रविकरप्रसरविचार
प्रा०सं० १६वीं श. ३ १०६५ | लघुक्षेत्रसमास सस्तवक रत्नशेखर मू.प्रा | १८१६ / ६५
स्त पार्श्वच द्रस्त रा.ग. २०३६ लघुसंग्रहणी हरिभद्र । प्रा० १७वीं श. २८६३ लेश्याविचाररादि (१३१) २१५६ | लोनालिकाप्रकरण
प्रा.टी स , , सटीक विचारपत्र
प्रा सं. १६वीं श. ७४ २०६२ विचार वालावबोध
गूि.७वीं श) १७ | २६.७ विधिप्रपा
जिनप्रभ
प्रा० १६वीं श १०३ विवेकमजरी
श्रासह
" ५वीं श. ४