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१८४]
राजस्थान पुरातत्वान्वेषण मन्दिर
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क्रमांक ग्रन्थाङ्क
ग्रन्थनाम
कर्ता
भाषा | लिपि- पत्र
विशेप
| समय | संख्या
| एकविंशतिस्थानक मू सिद्धसेन प्रा.रा गू,२८वीं श. प्रकरण सत्तबक एकविंशतिस्थानक " , | १८२५ मन्दराबिन्दर में प्रकरण सस्तवक
लिखित । मर्मग्रन्थत्रिक | देवेन्द्रसूरि प्रा० | १६८१ | १४ | वाक्पताकानगरी में
लिखित । - कर्मग्रन्थपंचक
" " -वीं श. १२ कर्मग्रंथसटीक (१ से " " १५वीं श ६२ अंत्य पत्र सं १७३४ | टी. स्त्रोपज्ञ.
में अनुसंधित । | कर्मप्रकृतिटीका मलयगिरि | सं० १५वीं श. १३६ कर्मप्रकृति सटीक मू. शिवशर्मा मूपा० १८३०, १६६ मक्सूदाबाद मे टी मलगिरि टी०स०
लिखित । २८६३ | कर्मविचारसारप्रकरण | साधुरग प्रा० । १६२५ १५:- डेहि मे हेमराज
सहित हरिकलश लिखित । श्रोएसवशीय पाल्हापात्रक
की प्रार्थना से रचित। १०५१ | कर्मविपाक कर्मस्तव | देवेन्द्र " १८वीं श६
(कर्मग्रन्थ) | कर्मविपाकवृत्ति परमानन्द- सं० १६वीं श.- १६
सूरि कर्मविपाक सस्तबक देवेन्द्रसरि प्रा रा.गू | १८२४ ७ मुनराबिन्दर मे.
लिखित । | कर्मस्तव सस्तवक . " " १८२४ - ५ मुनर बिन्दर में
लिखित । क्षामणा
जीर्णप्रति। क्षुल्लकभवालिसकरण श्रका धर्मः सावचूरि पंचपाठ . | शेपरगेणि क्षेत्रसमास रत्नशेखर
| १३ | मुनराबिन्दर में
लिखित । ३१, ४२१ | क्षेत्रसमास
श्रागरानगर में प्रक बरशाह के शासन काल मे लिखित।