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१६० ]
राजस्थान पुरातत्वान्वेपण मन्दिर
क्रमांक ग्रन्थाङ्क
ग्रन्थनाम
‘कर्ता
लिपि- | पत्र| समय | संख्या
विशेप
खुसराम
वहि० २०वीं श २४से४३ त्रुटक अपूर्ण ।
१३५ ०३५३ प्रास्ताविक कवित्त | २३५१ | प्रास्ताविक
(स्फुटकवित्त) २८६३ | प्रास्ताविक कवित्त
राग १७वीं श ५वां
३०२६
प्रास्ताविक कवित्त
रा० ,,, ७ २३४४ प्रास्ताविक कवित्त के
व.हि० १६.२०वीं, २२ फुटकर पत्र
शताब्दी २३४८ प्रास्ताविक कवित्त तथा खुसराम | , २०वीं श. ७
पुष्करजी को कवित्त ११२२ प्रास्ताविक कवित्त दूहा
व्ररा सं. १८वीं श.६६-७१ गूढा आदि २६४६ प्रास्ताविक कवित्त
ब्राहि० २०वीं श. १० फुटकर २३५२ प्रास्ताविक कवित्त
फुटकर पत्र ८७१ प्रास्ताविक कवित्त ११२२ प्रास्ताविक कवित्त (६०) ११३० प्रास्ताविक कवित्त प्रास्ताविक कवित्त
व्र०स० (४२) श्लोक
प्रागू | १६६१ प्रास्ताविक काव्य सार्थ
संबरा०
|" , २ प्रादि अव्ययानि श्रादि
तथा २४ उपसर्ग एव दो कृतियां
अधिक है। ३५५० | प्रास्ताविक कुंडलिया | धर्मवर्धन
- रा० ,,, ७०-७४ | सं. १७३४ में बावनी
रचित । २८६३ प्रास्ताविक गाथा श्लोक
प्रा०म० १७वीं श. १४६वां (८) | १८८२ प्रास्ताविक छप्पय अग्रदास वहि० १८वीं श६७ से (१६४) कवित्त (सख्या ४५) कल्यान तुरसी
१०३ बिहारीलाल मोहन नंद बलमद्र
११२१
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