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क्रमांक ग्रन्थाक
१११
११२
११४
११५
कर्त्ता
३६२८ | नैषधीयचरितमहाकाव्य मू. श्रीहर्ष सटीक त्रिशतितमसर्ग टी. नारायण त्रिपाठ
११३ | ३६३० | नैषधीयचरितमहाकाव्य मू० श्री हर्प सटीक द्वाविंशतितम
नारायण
सर्ग त्रिपाठ
१२०
१२१
१२२
१२३
१२४
३६२६ | नैषधीयचरितमहाकाव्य मू. श्रीहर्ष सटीक विंशतितमसर्ग टी नारायण त्रिपाठ
११६
१६४३ पद्मानन्दकाव्य ११७ ४७६ | पार्थपराक्रम व्यायोग
१२५
११८ २६७३ | पार्थपराक्रम व्यायोग
११६
१२६
ग्रन्थनाम
१२७
काव्य-नाटक- चम्पू
१२८
१६२८ | नैषधीयचरितमहाकाव्य मू. श्री हर्ष सावचूरि पचपाठ ८६ पउमचरियं
विमलसूरि
३३१३ प्रबोधचन्द्रोदयनाटक मू. कृष्णमिश्र सटीक त्रिपाठ
टी रामदास
दीक्षित
अमरचन्द्र
१६५२
बाल भारत
१६६६ | बालरामायणोद्धार २१६२ | बिहारीसतयासार सिगाररसपुंजसतक
२३४ महानाटक
२६४६ महानाटक
३५०२
६८
अमरचन्द्रसूरि प्रल्हादन
प्रल्हादन
महानाटक
सटीक
महाभारत (हरिवंश)
१०६ | महाभारत अश्वमेधपर्व
४२६
सटीक महाभारत आदिपर्व
हनुमत्कव हनुमत्कव
भाषा
हनुमत् टी० मोहनदास मिश्र कृष्णद्वैपायन
व्यास
कृष्णद्वैपायन
व्यास
कृष्णद्वैपायन
व्यास
सं० १६वीं श.
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37
७७.
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35 १६६७
प्रा० १६वीं श
सं० १८वीं श.
१७वीं श
55
१६६०
29
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51
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सं०
99
33
लिपि - पत्र
समय
संख्या
39
33
व्र. हि. १६३३
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१८८६
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१७वीं श १६वीं श.
१७२६
१६वीं श
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१६वीं श
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१५०५
२०
३१
심
२५३
१०० सुशोधित प्रति ।
७
86m 6
६
७
७०
२११
२
त्र
१३५ ]
१५६
विशेष
४१
प्रथम और अन्त्य पत्र नव्य लिखा है ।
श्रष्टमसर्गमात्र
७
६६ अपूर्ण । पत्र १, २
अप्राप्त
पत्र २६ वां श्रप्राप्त
कैलाशयात्रा
हरिपुर में लिखित
१२८
३३४ पत्र १ से २६ श्रप्राप्त नैपधपुर मे लिखित