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________________ - राजस्थान प्राच्यविद्याप्रतिष्ठान-विद्याभूषण-ग्रन्य-संग्रह-सूची . कर्ता लिपिसमय | पत्रसंख्या विशेष विवरण.यादि ग्रन्थनाम . क्रमाङ्क १८४६ लालजन । जगन्नाथ ५४२वां ५४२वां ५४३वां (६८.) । (३३) दादूवाणीकल्पतरु छप्पय १. (३४) भागवतकल्पतरु छप्पय १ (३५) नर-बत्तीसलक्षण (३६) सुन्दरदासजीकी साखी । । (३७) उपदेश दिढाव-साधलक्षण (३८) दादूजीका कडखा पद्य ४७ सुन्दरदास महानन्द सन्तदास गलताणी ५४३-५४५ . . . ।।।। ५४५-५४७ : प्रायः वनिका है। .. .... ५४७-५५० । नोट-यह पवाडाप्रणाली पर लिखी हुई दादजीकी प्रशस्ति है। प्रारम्भमें-- कहूँ पवाडा प्रेमसों, काशीनगर मझार ।' (सं.) .. ५५२-५५४ ५५४-५६२ : (३६) नसीहतनामा पद्य २० हरिदास (४०) भक्तविरदावली १७ पद्य .(४१) जगजीवनदासजीको साखी-: जगजीवनदास १०७ (४२) दृष्टान्तसाखी १२० राघोदास । (४३) परसरामजीका पद परसराम (४४) नानकजीका पद नानक ५६२-५६६ ५६६-५७० . ५७०वां । अन्तमें-दादूद्वारे स्वामी श्रीनिरभरामजीकी — हरि लिखी बावाजी हरिदासजीका सिख बाबाजी केवलदासजी का सिष्य याबाजी गङ्गा। रामजी का सिष्य बाबाजी सन्तोपदासजी तिनका सिष्य रामधन खानेजात चौपना लिखा। ८३ । साधारण रचना । लि.क.-विजयलाल शर्मा मुलाजिम पोथीखाना, जयपुर। यह बहुत हलकी साधारण रचना है। . ___६६ अर्जुनवाणी | अर्जुनदास । २०वीं
SR No.010606
Book TitleVidyabhushan Granth Sangraha Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopalnarayan Bahura, Lakshminarayan Goswami
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1961
Total Pages225
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size9 MB
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