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राजस्थान प्राच्यविद्याप्रतिष्ठान-विद्याभूषण-ग्रन्थ-संग्रह-सूची ]
कर्ता
लिपिसमय
ग्रन्थनाम
पत्रसंख्या
विशेष विवरण आदि
क्रमाङ्क
१८वीं
बखना
बूढण
(६७) (३) धन्नाकी साखी ७ .
धन्नाभक्त (४) पीपाजीकी साखी १० पीपा (५) परसजीकी साखी ७
परसराम (६) नानकजीकी साखी ७८ नानकजी (७) बखनाको साखी ४ (८) बूढणजीकी साखो ४ (S) सिरेबन्ध साखी १८ अनेक (१०) नवनिधिनाम (११) चौबीस सिद्धनाम | (१२) अष्टांगयोग ३२ लक्षण । (१३) षट्शास्त्राचार्यनाम
(१४) गोरखनाथजीकी शब्दी (१५) चर्पटनागार्जुनसंवाद ५८ छन्द चर्पट (१६) भरथरीनाथजीकी शब्दी३३ साखी (१७) गोपीचन्दकी साखी १२ (१८) जालन्धरोपावजी की शब्दी (१९) काफरबोध (अपूर्ण) गोरखनाथ
पत्र फटे और फटे हैं। १४६ तक संख्या है।
६ तक हैं। प्रागेके पत्र नहीं हैं। अंत में "श्री गोरखनाथ महमद पादशाहसंवावे . काफरबोध सम्पूर्ण।"
(२०) अकलि-सिलूक (२१) गणेश-गोरखसवाद
अजीब भाषा व वर्णन है । जोगशास्त्र सम्पूर्ण है। .