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प्रस्तुत विद्याभूषण-ग्रन्थ-संग्रह जयपुर में ही प्रतिष्ठान के शाखा कार्यालय में सुरक्षित रखा जायगा एवं भविष्य में इस प्रकार भेंटस्वरूप प्राप्त होने वाले ग्रन्य उपादेय संग्रहों को भी सधन्यवाद स्वीकार किया जायेगा ।
इस प्रकार उक्त संग्रह प्रतिष्ठानके अधिकारमें ले लिया गया । स्वर्गीय पुरोहितजीने विद्याभूषणग्रन्थसंग्रह के नामसे प्रस्तुत संग्रहकी प्रायः दो सहस्रनामांकित सूची तैयारकी थी, जिसे हमने उसी रूपमें प्रकाशित किया है । आवश्यक स्थानों पर टिप्पणी एवं परिशिष्ट में कृति और कर्तृ नामानुक्रमणिका तथा स्वर्गीय विद्याभूषणजीका संक्षिप्त जीवनवृत्त दे कर सम्पादकोंने इसे अधिक उपादेय बना दिया है । स्वर्गीय विद्याभूषणजीने प्रस्तुत संग्रहके अनेक ग्रन्थों में यथास्थान स्वहस्ताक्षरोंसे आवश्यक फुट नोट लिखे हैं, जिससे वे प्रकरण अधिक प्राञ्जल हो उठे हैं ।
प्रस्तुत सूचीके प्रकाशन-व्यय का श्रद्धशि भारत सरकारके वैज्ञानिक और सांस्कृतिक मन्त्रालय द्वारा ग्राधुनिक भारतीय भाषा विकास योजना के अन्तर्गत प्रदान किया गया है, एतदर्थ प्रतिष्ठानकी ओर से हम आभार प्रदर्शित करते हैं ।
इस प्रकार स्वर्गीय विद्याभूषणजीके ग्रन्थसंग्रहकी यह सूची सम्पादित की जा कर पाठकोंके समक्ष उपस्थित की जा रही है । प्रशा है यह सूची विषयके ज्ञाता और अध्येतानोंके लिये बहुत उपयोगी. सिद्ध होगी ।
होली पर्व, सं० २०१७ अनेकान्त विहार, अहमदाबाद
सुनि जिनविजय
सम्मान्य सञ्चालक,
राजस्थान प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान, जोधपुर