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________________ राजस्थान प्राच्यविद्याप्रतिष्ठान-विद्याभूषण-ग्रन्थ-संग्रह-सूची ।.. क्रमाङ्क - ग्रन्यनाम . .. :: कर्ता | लिपिसमय पत्रसंख्या विशेप विवरण प्रादि ५१ / (१) सुन्दरशृंगार | (२) हरिरामदासजीको वाणी सुन्दरदास हरिरामदास १९वीं१-४२ १-१६ १०-३३ ३४-१३६ १४-३६ . रामदास (४) अनुभवप्रकाशउद्योत . । (५) युक्तितरंगिणी (अपूर्ण) इस गुटके पर पुरोहितजीको सूचीमें , ७८० संख्या दी है और उसके सामने 'फुटकर सवैया संग्रह अनेक कवियोंका' लिखा है परन्तु इसमें वह नहीं है। इसमें जो त्रुटित ग्रन्थ मिले हैं वे यहां अंकित कर दिये ... . . गये हैं। (सं.) : ... र.का.-सन् १०४४ हिजारी। १६६१ विक्रमी सम्वत् । १८८६ की प्रतिसे प्रतिलिपीकृत। .. लि.क. जती पूरणचन्द. झूझनूंमध्ये । इस प्रतिका लिपिकार हजारीमल श्रीमाल है। यह अन्य ६ दिनमें रचा गया था । (सं.) ५२ | रत्नावती कवि जान १९५६ १६३ ५३ गुटका (१) दादूवाणी दादू १८वीं श. ४२ | अपूर्ण व जीर्ण प्रति है। प्रस्थल गोपालदासजीसे प्राप्त । .. " (२) ज्ञानसागर ५४ | फुटकर संग्रह सुन्दरदास अनेक कवि । १९वी.श. स्फुट पत्र ५४ इसमें गरीवदासजीका अध्यात्मग्रन्थ भी है, शेष स्फुट हैं। १६७६२० १९६१ को प्रतिसे प्रतिलिपीकृत । ५५ / गूढासागर मनोहरदास
SR No.010606
Book TitleVidyabhushan Granth Sangraha Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopalnarayan Bahura, Lakshminarayan Goswami
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1961
Total Pages225
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size9 MB
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