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राजस्थान प्राच्यविद्याप्रतिष्ठान - विद्याभूषण-ग्रन्थ संग्रह- सूची ]
कर्त्ता
क्रमाङ्क
ग्रन्थनाम
(३०)
३१
३२
३३
(२) पट्टी पहाड़ा
(३) सनीसरजी की कथागद्य गुटका जिसमें
(१) ऊषाहरण
गुटका -
(१) रामायणकीर्तन दोहे ८७ (२) दोहावली, दोहे ८२
गुटका
(१) नीतिनवरत्न छप्पय
छप्पय ६
(२) नवरत्न - कवित्त
( ३ ) विनयकी छप्पय ४
(४) नीति - विनोद (१५६ नीति व धर्मके वाक्य )
रामदास
रघुराज रामसखे
केशवदास
"1
लिपिसमय
पत्रसंख्या
१६१०
|१८-४०
१८७२ १-२६
६४
१-१२
१२-१६
१९३४ ई० १-३
विशेष विवरण ग्रादि
[ ३७
नोट- प्रत्येक पृष्ठ पर बीचमें पट्टो पहाड़े और ऊपर नीचे प्रास्ताविक दोहे लिखे हैं। (सं.)
ग्रंथका निर्माणसंवत् नहीं दिया है। ग्रंथकारने अपना निवासस्थान गांव इमलाना सिरोंज इलाका टोंक, मालवा प्रदेश लिखा है । इनके पिताका नाम मनोहरदास था ।
संभवतः ये महाराज रघुराजसह रीवां वाले हैं । इनका निवासस्थान बहराइच और गोरखपुरके पास कहीं था । प्रतिके अंत में 'इति श्री महाराज सखेज कृत दोहावली संपूर्णम्' ऐसा लिखा है । श्री रामसखेका विवरण मिश्रबंधुविनोदमें दिया है।
'साहित्यसुषमा' में पण्डित रामदहिन मिश्र इनको केशवदासकृत लिखा है। उसीसे प्रतिलिपि की है ।
यह वाक्यावलिं कवि फतहनाथजी गणपति भारती के वंशजसे प्राप्त हुई है । सं० १९२३ में