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राजस्थान प्राच्यविद्याप्रतिष्ठान-विद्याभूषण-ग्रन्थ-संग्रह-सूची] ___ क्रमाङ्क .. ग्रन्थनाम
कर्ता
लिपिसमय पत्रसंख्या
. विशेष विवरण प्रादि
२०वीं श. १४
साद सबलसिंह उमेदराम वारहट
२३२ / गुणझमाल रावजी श्रीइन्द्रसिंहजीरी २३३ (१) सत्योपदेश
(२) राजनीति (३) भाषाचाणक्य (४) वाणीभूषण (५) मरसियाकवित्त
१५-२४ २५-२७
रचना-१८७२ ।
, १८६१ । अलवरके राजा वखतावरसिंहजी एवं उनके साथ सती हुई रानियोंकी। बहुतसे राजा-महाराजाओंके विषयमें रचित । लि.क.-छीतरमल पुरोहित सावरवाला।
२३४
(१) हिंगल-गीतसंग्रह
बांकीदासजी आदि अनेक १९२७ई. १०
७-१०
(२) दुहा जेहल-जसजडाबरा (३) स्फुट कवित्त-दहा एवं नीसाणी | प्रासीया बुधा
राषीरा सिरदार जीवराजजी २३५ (१) मयाराम दरजीरी बात
२०वी.श.
१-६
इस पुस्तकमें बस्ता १२७(३)पर अङ्कित बातका शेष भाग लिखित है।
(२) स्फुट गीत ४
(३) नीसाणीयां वीरमायणसे २३६ | वृन्दावनशतक
बारहट शिवबक्स (दत्त)
१०-१८ दसकत बुधारा छै। गांव वागू माये लषी छ । 5 . पेज | अपूर्ण । हणूंत्यानिवासी वारहट मुरारीदानजी
पालावतको प्रतिसे लिपीकृत । ११२-+१२= जोधपुरके कविराजा सिहरदानजीकी पुस्तक १२४ पेज नम्बर २ (२)की प्रतिलिपि । १२ पेज सूची
पत्रके हैं। २० पेज लि.क.-गोपीचन्द शर्मा जयपुर ।
२३७ / डिंगलपुस्तक
अनेक कवि
२३८ । (१) प्रेमरतनाकर
भया रतनपालजू
| १९८४