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विद्याप्रतिष्ठान-विद्याभूषण-ग्रन्थ-संग्रह-सूची ]
लिपिसमय पत्रसंख्या
विशेष विवरण आदि
(६०) (१) मधुमालतीफया
चतुर्भुजदास
: १७७७
१-६१ इस गुटके के प्रादिके १६ पत्रों में जिनपर अलगसे
, संख्या लगी है. रागमाला एवं रसविलास नामक
दो कृतियां लिखित हैं। रागमाला का लिपिकाल १८०० है तथा रसविलासका १७७७ है। (सं०) लि. क. देवीदास कायथ, षंडेलाको पोथीसे प्रतिलिपीकृत । लि. फ. देवीदास
कायथ (सं०) ६२-१०२ १०३-१५३ १५४-१५७ १५७-१६० १६०-२१४ | र.का. १६७७, र.स्था. जैसलमेर, लि.क. संग
रामसींघ 'नरूकाराव'
१८००
१७६६
(२) मोहबवेक
जनगोपाल (३) माधवानल-कांमकुंबलांकी कथा पालम (४) नैननामां
वाजीद (५) स्फुट सवैया प्राधि (६) ढोला मारयणीको वात चोपई। कुसललाभ (७) श्रीरामशतनामस्तोत्र . हिरण्यगर्भसंहितोक्त (१) श्यामबत्तीसी
श्याम ६१ (२) अधूरे-पूरे कवित्त (३) स्फुटकवित्त
'चंदकवि, गङ्ग, गद, कबीर (४) कवितादि, (शिखनखवर्णन- भरमी फयि
प्रास्ताविक (५) कवित्त एवं गूढा
अनेक कवि (६) गुण-ध्रुवचरित्र
परमानन्द (७) हरिनाममाला
शङ्कराचार्य
,
८-१२ १३-१८
७ व १०पा पत्र अप्राप्त । ... .
१६-२०
२१-२५
२५-२६