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________________ TAIT [ ८४ विद्याप्रतिष्ठान-विद्याभूषण-ग्रन्थ-संग्रह-सूची ] लिपिसमय पत्रसंख्या विशेष विवरण आदि (६०) (१) मधुमालतीफया चतुर्भुजदास : १७७७ १-६१ इस गुटके के प्रादिके १६ पत्रों में जिनपर अलगसे , संख्या लगी है. रागमाला एवं रसविलास नामक दो कृतियां लिखित हैं। रागमाला का लिपिकाल १८०० है तथा रसविलासका १७७७ है। (सं०) लि. क. देवीदास कायथ, षंडेलाको पोथीसे प्रतिलिपीकृत । लि. फ. देवीदास कायथ (सं०) ६२-१०२ १०३-१५३ १५४-१५७ १५७-१६० १६०-२१४ | र.का. १६७७, र.स्था. जैसलमेर, लि.क. संग रामसींघ 'नरूकाराव' १८०० १७६६ (२) मोहबवेक जनगोपाल (३) माधवानल-कांमकुंबलांकी कथा पालम (४) नैननामां वाजीद (५) स्फुट सवैया प्राधि (६) ढोला मारयणीको वात चोपई। कुसललाभ (७) श्रीरामशतनामस्तोत्र . हिरण्यगर्भसंहितोक्त (१) श्यामबत्तीसी श्याम ६१ (२) अधूरे-पूरे कवित्त (३) स्फुटकवित्त 'चंदकवि, गङ्ग, गद, कबीर (४) कवितादि, (शिखनखवर्णन- भरमी फयि प्रास्ताविक (५) कवित्त एवं गूढा अनेक कवि (६) गुण-ध्रुवचरित्र परमानन्द (७) हरिनाममाला शङ्कराचार्य , ८-१२ १३-१८ ७ व १०पा पत्र अप्राप्त । ... . १६-२० २१-२५ २५-२६
SR No.010606
Book TitleVidyabhushan Granth Sangraha Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopalnarayan Bahura, Lakshminarayan Goswami
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1961
Total Pages225
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size9 MB
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