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१२८-१३८]
राठौडारी वाता कूप कह्यो
दूहो-तू ठाकर दीवाण तू, तो ऊभै सह कज्ज ।
___ राज सिवारो मालदे, करण मरण छळ लज्ज॥ १२९. चापो जैसो भैरूदासोत जलाल जलूकारो घोडो पातसाहरा मूडा आगे लायो.
पछै राव मालदजी साथ पीपळोद गयो। १३० भाटी साकर सूरावत अजमेररो किलादार हुतो. अजमेररो गढ छूटो जद मरण
माडियो हो पिण चाकरा मरण दियो नही असुर पातसाह जोधपुररो गढ
लियो जद गढ माथै काम आयो, गढमे छतरी। १३१ राठोड रामसिघ ऊहड, राठोड सीकर जैतसिंघोत ऊदावत इत्यादिक गढ ऊपर
काम आया। १३२ सूर पातसाह वरस १ जोधपुररै गढ रह्यो सवत १६०१ पोस वद ५ देहरो - पाड मसीत करायी। १३३ पछै गोकुळ शास पाज वधावी, तळावरी राग भरायी। १३४. सूर पातसाह गयो मारवाडसू जद भीगैसर पाच हजार घोडा थाणो राख
गयो, रावजी जोधपुर आया थाणान वेढ' करि उगमो इतरा रावजीरै काम आया-राठोड ऊभो वरसिंघोत माणस ४०० सू खेत रहियो, रावळ हाफो वरसिंघोत लोहै पर उपडियो, राठोड अभो हाफो माणस ८०० घोडारा असवार ओठी पाळा महेवासू साथ लाया हुता।
जैसिघ भैरूदास चापावतरो लोहे पड उपडियो। १३६ सवत १६०० पातसाह सेरसाहसू हार राव मालदेजी सिवाणारी भाखरा
गया। १३७ सवत १६०३ सलेमसाह मुवो जद तुरक जोधपुररो गढ छोड खवासपुरै
नसेदलीखा खवासखा कनै गया मडोवररा माळी गढमे आया, रावजीनू खवर दिवी रावजी जोधपुर पधारिया पछै वरस सात रावजी मेडतान
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लागा।
१३८ सवत १६१० रा वैसाख वद २ मेडता ऊपर रावजी आया मेडतै कुडळ तळाव
माथै जैमल रावजीसू राड किवी. जैमल वीरमदेवोत दैवजोगसू जीतो रावजीरा इत्ता ठावा मिनख काम आया-धनो भारमलोत बालो १, राठोड नगो भारमलोत बालो २, प्रथीराज जैतावत ३, राठोड जगमाल उदैकरण ४, राठोड ,सूजो जैतसिंघोत ५, सीहड पीथो जसवत ६ ।