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________________ २५७६-२५६३] भौगोलिक वातां [ २०७ २५७६. मोहार बधार बराडरा सूबा माहे छ, लारला वरसा वधाररो धणी गोड भीमेस्वरजी ज्यारी बेटी वेगमरा धणीरो छोटो भाई सकतसिंघजी परणियो हो। २५७७ नर्मदारो अंक देस धारा-क्षेत्र है जठ वाणनाथ सिव नीसरै है, रेवाककर । २५७८ नर्मदा माहेसू नीसरी कावेरी जिका कुवा कहावै पुराणमे । २५७६ हुसगावाद हडिया गाम सत वास प्रमुखाकै थाटू लसकर उतरते है । सिंध २५८० सिधमे माथैलो मैहरारो वतन है । २५८१ मीर वाह, नसीर वाह, कतूर वाह, वहराम वाह, इत्यादीक वाह सिंधमे है । २५८२ मुराद गजै वाह चलायो सो मुराद वाह कहायो सिधमे । २५८३ मुराद गजो वेवै भव जद फकीरणीनू इण कह्यो- हमकू दवा कीज इण कह्यो घोडा सियाररो मालक हुसी फेर कह्यो - दवा करो इण कह्यो फीरोज जग हुसी इण कह्यो-फेर दवा करो जद फकीरणी कह्यो फासीसू थारी मोत हसी।। २५८४ खैरपुर मीर सोराब वसायो । २५८५ खुदावादनू महमद वसायो । पंजाब २५८६ बहावळपुरसू आवी मुलक सरू हुवा कसमीर ताई सीसमरा वृक्ष उठ बहोत - घणा छाया है। २५८७ वगपुर १, हसपुर २, सामपुर ३, मुलतानपुर ४-अ च्यार नाम च्यार जुगरा है मुलतानरा। २५८८ मुलतानरा किलारै च्यार दरवाजा है-रेडी १, सीरवी दूजो २, खिदरी तीजो ३, दे चौथो ४। २५८६ केसोपुरी मुलतानी जैमल बट आबादानी । २५६० केसोपुरी मुलतानी जीवता मुलतानमे समाध लिवी रामतीरथ है जठे। २५६१ पीर वहावुलहकरो रोजो मुलतानरा किलामे पीर साह कुल आलमरो ही - रोजो मुल्तानरा किलामे है। २५६२ मुलतानरा किला माहसू रणजीतसिघरे हाथ धन घणो आयो । दिली २५६३. दिलीमे राजा आरपुरो, लालपुरो, जसवतपुरो, जैसिघपुरो, वीठलपुरो इत्यादीक ।
SR No.010598
Book TitleBankidasri Khyat
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNarottamdas Swami
PublisherRajasthan Puratattvanveshan Mandir
Publication Year1956
Total Pages233
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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