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[ २३७०-२३८४
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बांकीदासरी ख्यात
२३७०. गुमा वीवी नोरगजेबरै मरजीरी वेगम हुती ।
२३७१ सवत १६७३ रा फागुण सुद १ ओरगजेब फोत हुवो ।
२३७२. नादिरसाहरो वकील दिली हो उण नादिरसाहुनू लिखियो - वेगा पधारिजे मारगमे काटो भाटो है नही ।
२३७३ नादर पातसाहनू महमदसाह मिरजा कहतो महमदसाहनू नादरसाह मिरजो कहतो |
२३७४ ईरानिया धन वास्तै दिलीरी जायगावा अति ऊडी खणी, जमीरा हाड काढ लिया हा ।
२३७५. अहमदसाह दुरानी लाल किलामे विलायती याकूबखानू राखियो पातसाह अलीगोहर जद पूरवमें हुतो याकूबखा कनै पनरै हजार सिपाह हुतो ।
२३७६ साहग्रालम नाम अलीगोहररो है ।
२३७७ दिलीरा हिंदुवानू लाल किला मांहली जायगावा पातसाही वाग, याकूबखां दिखाया, जस लियो ।
२३७८ ईब्राहीमखा और मल्हारराव हुलकर भाऊ सामल न हुवा अजी तै अहमदसाह अबदाली भाऊसु जग न कियो ।
२३७६. दोयसै तोपा बारह हजार गारदां इवराहीमखा तालकै हुती ।
२३८० च्यार दस्ता साह कनै हुता जुमलै चाळीस हजार असवार साह कनै हुता । २३८१ हाफिज रहमतखा नजीमखा रूहेलो, अहमदखा बगस लगड़ा बावन हजारी सुजा बुधोलो इत्यादिका मिल भाऊसू झगडा किया फतै न पायी अहमदसाह अवदाली मदत आया जव न जीता ।
२३८२ दिलीसू नजदीक साहरी फोजसू दिखणियारै जग हुवो साहवसिंघ १, दत्ता २, काम आया जनकू भरतपुर आयो पेसवानू अरज लिखी - म्हारी मदत कीजै नही तो साह दिखण मायै कमरवधी करसी ।
२३८३ आ बात सुणनै पेसवै विस्वासरायनू नै भाऊनू हिंदुस्थान माथै बडी फोज दे विदा किया दिखणसू दिली आया जुमा मसजिद ऊपर इबराहीमखा गारदी तोपा चढायी लाल कोटमे गोळा पडण लागा याकूबखा मरहटारी बाह लेने लाल किला वारै निसरियो लाल किलामे भाऊरो अमल हुवो. भाऊ दिखणी नारूसकरनू लाल किला राखियो ।
२३८४ दिली लाल किलामें खास दिवाणरी छत मोनारी हुती उवा नादिरसाह लेगो. आम दिवाणरी छत रुपारी भाऊ ले लीवी ।