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________________ १४४] वांकीदासरी ख्यात [१६९६-१७०८० १६९६ बूंदी राव भाडारो १, नारायणदास २, सूरजमळ ३, प्रथीराज ४. भांडा दुख दियो जिणसू हाडा प्रथीराजनू गादीसू दूर कियो । १६९७ हाडो राव नरवद भांडावत गोड़ मोटमरावरो दोहितो। १६९८ बूदीराव नरवद भाडवतरा बेटारी विगत - उरजण १, भीम २, अखैराज ३, पूरो ४, हरराज ५, मोकळ ६-औ छव वेटा नरवदरै बेटी करमावती चितोड़ सागा राणानू परणायी। १६९९ औ सातू सूरजमल खेमावतरा दोहिता। १७०० वूदीराव नारायणदासरो बडो भाई नरवद, नरवदरो उरजण । १७०१ राव हाडा नाराणदास भाडावत जोधपुर सावतसी जोधावतरी बेटी खेतूवाई परणियो खेतूवाईरो वेटो सूरजमल राणा रतनसीनू मार मुवो। १७०२. सूर १, मलो २ - मै दोय सोलंकी, असोकमल परमार चहुवाण पूरवियो पूरणमल अंक पग माहेसू सांकळारो काढणहार राणो रतनसी ४-इता, मार हाडो सूरजमल मुवो।। भळको लीघो भूखियो, चाव करै चहुवाण। सूजै धनस सभाळियो, अत समै अवसाण ॥ १७०३ भूखियो भळको ओ ही त्रियाबियो कहीजतो। १७०४ सूरजमल नाराणदासोतरो वेटो प्रयीराज बूदी राव जिण उथप हाडां अरजण नरवदोत वूदी राव कियो। १७०५ हाडो राव उरजण नरवदोत' देवळियो सीसोदियो सूरजमल खीमावत जिणरो दोहितो। १७०६. हाडा राव उरजणजीरै बेटारी विगत - सुरजण १, रामजी २, काधल ३, अखैराज ४। १७०७ हाडे सांवत सेरसाहरी असवारीरो घोड़ो मैणा कनै चुराय मगायो. पातसाह खवर पाय हाडोती माथै आयो सावत मरण माडियो. पर्छ बूंधळीमलजी वर दियो-तू जाय नै सेरसाहरी फौजमें तरवार चलाय, फौज बिगड़ जासी यूं हीज हुवो जद सेरसाहर समररा जैतवार - ओ विरद हुवो सावतरानू । १७०८. राव सुरजण उरजणोत गहलोतारो भाणेज ।
SR No.010598
Book TitleBankidasri Khyat
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNarottamdas Swami
PublisherRajasthan Puratattvanveshan Mandir
Publication Year1956
Total Pages233
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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