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________________ १६६१-१६६८] चौहाणारी वातां [१४१ १६६१. मनहररो पांचो, पांचारो अजो, अजारो जेहो जिण सताजी कनांसू गोडीजी लिया, विरावाव लिवी। १६६२. पछै मोडाजी सताजीरै पोते जेहाजीनूं जेहाजीरा बेटा दुरगजी हाथीजीनू मारियो वीरावाव. गोडिया रस माथनू लिया जगतसिंघ चहुवाणनू मदत आने। . १६६३. प्रछ सोढो तेजमालजी हारो भतीज सहेत यह राणे सोढा वाकीजोरै सरण गयो वीरवावसू निसरनै । १६६४. गोडीजी इष्ट सोढारै जिणसू वीरवाव' कोटमे मद-मांस वापर नही. जेहा सोढारो बेटो हाथी गुडै सूरजमल राणारी बेटी परणियो हो अक दिन सूरजमलरी बेटी बोली मोनू म्हारै बाप वाणियानू परणायी उण दिनसूं हाथी मद-मांस छान आपरै महलमे वपरायो जेहाजी माथै गोडीजी कोपिया नै मोडजी खानपुर हुता उठसू पत्र दियो पछै जेहाजीनू मार मोडजी वीरवाव लियो। भायला पंवार १६६५. भायल पदमसीरो सजन वडो रजपूत हुवो सीधल चापारी बहू देवडी इणरा घर माहे पैठी पछ किताहीक वरसां माहोमाह लड़ चापारे हाथ सजन रह्यो, सजनरै हाथ चापो रह्यो. देवडी सती हुई हाथ वाढ नै चापार धड़मे नाखियो नै वळी सजनरै साथै । १६६६. सिवाणे सजनरा गिर छै सजनरै रावळ, चहुवाण सिवाणारो राव सातल जिणरो दोहितो इण अलाउद्दीनसू मिल सिवाणो मिळायो पातसाह सिवाणो इणनू दियो पछै रावळनू पातसाह मरायो । चौहाण १६६७. चहुवाणारी चोईस साख लिखते - हाडो १, खीची २, सोनगरो ३, बाली ४, सोभादर ५, चोमालहण ६, गोरवाळ ७, भदोरिया ८, मीरवाण ९, वाकुर १०, चील ११, थेथा १२, दूदळोत १३, सेपटा १४, गरावा १५, पबइया १६, पावचो १७, सतवाळ १८, चाभुलेया १९, खेवर २०, चाहिल २१, मोहिल २२, भडारी २३ वाणियामें, चीतामेर २४ राठोडारा भाट रामचद कनै लिखी। १६६८. सोनगरा माहेसू देवडा निसरिया देवडां माहेसू वोड़ा निसरिया. वालोत २, चीवा ३, अबीह ४-औ खापा निसरी ।
SR No.010598
Book TitleBankidasri Khyat
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNarottamdas Swami
PublisherRajasthan Puratattvanveshan Mandir
Publication Year1956
Total Pages233
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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