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________________ १३७४-१३८५]. यादवांरी वातां [१२१ सरढ १३७४. रावजी जोधाजीरी वारमे सरढरो धणी जसाभाई भाटी रावत भादो हो. हमै सरढ वरसिंघा भाटियार है । सेत्रावो १३७५ रावत लूणो सेत्रावारो धणी रावजी जोधाजीरो माहडो जिण सारण घोडी जोधाजीनू दिवी। गुडो १३७६ ईसररो ठाकुरसी जिण दुरगदासरी मदतसू चवरी पोतरारा किंवाड गुडै आणिया, राणाई पायी। १३७७ ठाकुरसी १, सायवखान २, भाखरसी ३, मालदे ४, जीयो ५, जैसिंघ ६, ठाकुरसिंघ ७ । १३७८ सवत १७४० रो जनम कनीराम रामसिंघोतरो संवत १८३२ रा जोधपुरमे रामसरण हुवा बरस तयाणूरी ऊमर हुई सवत १८२५ कानीरामजी मनीवज बीकानेरसू जोधपुर आया।। १३७९ राठोड प्रथीराज प्रभुओत, राठोड महेसदास दळपतोत, ऊदावत भीम कल्याणदासोत - या तीनानू ओक सरीखी लिखावट महाराज शिवजीरा खास रुकामे पछै महेसदासजी जाळोर पायी, गढपती हुवा जिणसू लिखावट आगे न रही प्रथीराजरै मनसब घणो हो जिणसू वचनात् नही नै लिखावतू - लिखीजतो। जसोल १३८० रावळ तेजमाळ भारमलोत फाटा तळाव माथै सातवीसू जसोळ ठाकुराई कीधी। समा यादव १३८१ वेळावल समो सिंधमे बडो दातार हुवो। १३८२. समारै जिसी सखावत किणमे ही न हुयी। १३८३ वगो वलार भेळा वतळायीजै । जाड़ेचा यादव १३८४ माहोरमे । .. १३८५ सिकदर फीरोज फतैखा वगेरा प्रतापीक जाम हुवा जामा कनासू भाटी ' ऊनड सिंधा सात ही लिवी ऊनड जाम कहाणा।
SR No.010598
Book TitleBankidasri Khyat
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNarottamdas Swami
PublisherRajasthan Puratattvanveshan Mandir
Publication Year1956
Total Pages233
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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