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१०४ वांकीदासरी ख्यात
[११५७-१९२७ ११५७ पानसलरो सगतावत भीडर खोळे आयो है । ११५८ साबररो धगी सगतावत इद्रसिंघ जिणरो दोहितो वधनोर अखैसिंघ । ५१५९ मेडतिया पदमसिंघ प्रतापसिंघोतनू उदैपुर हवेली ऊपर राणाजी साथे मेल
मरायो नवेगडीरो सिरदार राणाजीरो उमराव जिण उदैपुरसू आय काहणारा तळाव माथै डेरा किया गोठरै मिस कवर किसनसिंघनू घाणेरावसू तेड़ अकत ले डेरामे मारियो. चीणो चाकर किसनसिंघरो कूजा वरदार काम आयो जातरो डागळियो जिणरी सोराणजीरी मुतसदी कुंभळमेरसू
घाणेराव आयो राणाजीरो अमल कियो । ११६० पदमसिघजीरा कवीला वसी धण ले कूपावतारै गया उणा आछी तरहस
राखिया। ११६१ मेडतियो उरजण रायमलोत चित्तोड काम आयो जैमलजी ईसरदासजी साथ । ११६२. जैमलरै टीकै सुरताण जिणनू सवत १६४२ पातसाह अकबर मेड़तो दियो। ११६३ सुरताणरै कईक दिन परगणो मलहारणो पिण रह्यो । ११६४ सीळ भाखरी स्वेत पाखाणरो स्वरूप मेड़तिय दाणीदास गोपाळदास सुरताणरै
काविलरी हदसू आणी पधरायो । ११६५ जगन्नाथ गोइंददासरो १, सावळदास गोइददासरो २, सुदरदास गोइंददास रो
३, गोइददास जैमलोत । . ११६६, वानसीरा सगतावता माहला सगतावत दोय कलावत दोय वला। ११६७ पारसोली माहेला चहुवाण । ११६८ वीदा जैतमालरो वेटो नैतसी राड़धारासू मवाड़ आयो . राणोजी पटो
दियो . उणरा हमै केळवै है। ११८९ किसनदास जैतमालोतरै पटै वर्गल थी, पछै देसूरी पटै पायी पछै केळवो
पटै पायो। ११७० सवळसिंघ रामसिंघोत वेदळे राव . केहरीसिघ रामसिघोत पारसोली राव । ११७१. अदळ लियो वदळो नक राखिज्यो वधारी।
ओ गीत आसिया हरराम उदैभाणोतरो कह्यो है। ११७२ कोटा सुरसा भास्कर सोळखी. प्रतापसिंघ बेटी वीरमदे समेत उदपुर आयो
जद टीकड़ियो तुळछीदास जात सोळखी राणाजीरै मनीजै . इणरी हवेली जाय प्रतापसिंघ उणारो होको पियो इण देसूरी दिरायी।