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वि० पं० स० १३ उ० २] सुत्ताग
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दिट्ठी नेरइया उववज्जंति सम्मामिच्छदिट्ठी नेरइया उववजति ? गोयमा ! सम्मदिट्ठी वि नेरइया उववजंति, मिच्छादिट्ठीवि नेरइया उबवजंति, नो सम्मामिच्छदिट्टी नेरइया उववज्र्ज्जति । इमीसे णं भंते! रयणप्पभाए पुढवीए तीसाएं निरयावाससयस हस्सेस संखेज्जवित्थडेसु नरएसु किं सम्मदिट्ठी नेरइया उव्वति ? एवं चेव । इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाएं पुढवीए तीसाए निरयावाससयसहस्सेसु संखेजवित्थडा नरगी किं सम्मद्दिट्ठीहिं नेरइएहिं अविरहिया मिच्छादिट्ठीहिं नेरइएहिं अविरहिया सम्मामिच्छदिट्ठीहिं नेरइएहिं अविरहिया ? गोयमा ! सम्मद्द्द्विीहिवि नेरइएहिं अविरहिया मिच्छादिहीहिवि 'नेरइएहिं अविरहिया, सम्मामिच्छादिट्ठीहिं नेरइएहिं अविरहिया विरहिया वां, एवं असंखेजवित्थडेसुवि तिन्नि गमगा भाणियंव्वा, एवं सक्करप्प भावि, एवं जाव तमाएवि । अहेसत्तमाएं णं भंते ! पुढवीए पंचसु अणुत्तरेसु जाव संखेजवित्थडे नरए किं सम्मद्दिट्ठी नेरइया पुच्छा; गोयमा ! सम्मद्दिट्ठी नेरइया न उववज्जंति, मिच्छदिट्ठी नेरइया उववज्र्जति, सम्मामिच्छदिट्ठी नेरइया न उववज्जंति, एवं उव्वट्टंतिवि, अविरहिए जहेव रयणप्पभाए; एवं असंखेज्जवित्थडेसुवि तिन्नि गमगा ॥ ४७० ॥ से नूणं भंते । कण्हलेस्से नीललेस्से जाव सुक्कलेस्से भवित्ता कण्हलेस्से सु नेरइएस उववजति ? हंता गोयमा । कण्हलेस्से जाव उववजंति, से केणटुणं भंते । एवं च कण्हलेस्से जाव उववज्जति ? गोयमा । लेस्सहाणेसु संकि लिस्समाणेसु २ कण्हलेसं परिणमंड २ त्ता कण्हलेसेसु नेरइएस उववर्जति, से तेणट्टेणं जावं उववजंति । से नूणं भते ॥ कण्हलेस्से जाव सुकलेसे भवित्ता नीललेस्सेसु नेरइएसु उववजंति ? हंता गोयमा ! जांव उववजंति से केणट्टेणं जाव उत्रवज्जंति ? गोयमा ! लेस्सद्वासु किलिस्समाणेसु वा विसुज्झमाणेसु नीलेलेरसं परिणमंइ २ त्ता नीललेस्से नेरइएस उववज्र्जति से तेणट्टेणं गोयमा । जाव उववर्जंति, से नूणं भंते । कण्हले से नीललेस्से जावं भवित्ता काउलेस्लेसु नेरइएस उववर्जति ? एवं जहा नीललेस्साए तहा काउलेस्सा(ए)वि भाणियव्वा जाव से तेणद्वेणं जाव उववज्जंति । सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति ॥ ४७१ ॥ तेरह मे सें पंढमो उद्देसो समत्तो ॥
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कइविहा णं भंते! देवा पण्णत्ता ? गोयमा ! चउव्विहा देवा पन्नत्ता, तंजहाभवणवासी वाणमंतरा जोइसिया वेमाणियां । भवणवासी णं भंते! देवा कइविहा पण्णत्ता ? गोयमा ! दसंविहा पण्णत्ता, तंजहा - असुरकुमारा एवं भेओ जहा विइयसए देवुद्देसए जाव अपराजिया सव्वट्टसिद्धगा । केवइयां णं भंते ! असुरकुमारावासस्यसहस्सा पण्णत्ता ? गोयमा ! चोसट्ठि असुरकुमारावाससयसहस्सा पण्णत्ता, ते णं भंते! कि संखेजवित्थडा असंखेज्जवित्थडा ? गोयमा ! संखेजवित्वावि