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म..] सुत्तागमे
२८९ भावे य; आमंतणी भवे अठ्ठमी उजह हे जुवाणत्ति (६)॥७७१॥ अंठ ठाणाई छड़मत्थे णं सव्वभावणं ण जाणइ ण पासइ तं० धम्मत्थिकायं जाव गंधं वायं, एयाणि चेव उप्पण्णणागदंसणधरे अरहा जिंणे केवली जाणइ पासइ जाव गंधं वायं ।। ७७२ ॥ अठविहे आउवेए प० तं० कुमारभिच्चे, कायतिगिच्छा, सालाई, सहहत्ता, जंगोली, भूयवेजा, खारतंते, रसायणे ॥ ७७३ ॥ सकस्स णं देविंदस्स देवरन्नो अठ्ठग्गमहिसीओ प० तं० पउमा सिवा सई अंजू अमला अच्छरा णवमिया रोहिणी ॥ ७७४ ॥ ईसाणस्स णं देविंदस्स देवरन्नो अगमहिसीओ प० तं० कण्हा कण्हराई सामा सामरक्खिया वसू वसुगुत्ता वसुमित्ता वसुंधरा ॥ ७७५ ॥ सकस्स णं देविंदसा देवरन्नो सोमस्स महारन्नो अठ्ठग्गमहिसीओ प० ईसाणस्स णं देविदस्स देवरन्नो वेसमणस्स महारन्नो अठ्ठनगमहिसीओ प० ॥ ७७६-७७७ ॥ अठ्ठ महरगहा प० तं० चंदे सूरे सुक्के वुहे वहस्सई अंगारए सणिचरे केऊ ॥७७८॥ अविहा तणवणस्सइकाइया प० तं० मूले कंदे खंधे तया साले पवाले पत्ते पुप्फे ॥ ७७९ ॥ चउरिदिया णं जीवा असमारभमाणस्स अठविहे संजमे कन्नइ तं० चक्खुमाओ सोक्खाओ अववरोवेत्ता भवइ चक्खुमएणं दुक्खेणं असंजोएत्ता भवइ एवं जाव फासामाओ सोक्खाओ अववरोवेत्ता भवइ फासामएणं दुक्खेगं असंजोएत्ता भवइ ।। ७८० ॥ चरिंदिया णं जीवा समारभमागस्स अठविहे असंजमे कन्जइ तं० चक्खुमाओ सोक्खाओ ववरोवेत्ता भवइ चक्खुमएणं दुक्खेगं संजोएत्ता भवइ एवं जाव फासामाओ सोक्खाओ० ॥ ७८१॥ अठ्ठ सुहुमा प० तं० पाणसुहुमे यणगसुहुमे बीयसहमे हरियसहुमे पुप्फसहुमे अंडसुहुमे लेणसहमे सिणेहसुहुमे ॥ ७८२ ।। भरहस्स णं रण्णो चाउरंतचकवहिस्स अठ्ठपुरिसजुगाइं अणुवद्धं सिद्धाई जाव सव्वदुक्खप्पहीणाइं तं०-आइच्चजसे महाजसे अइवले महावले तेयवीरिए कित्तवीरिए दंडवीरिए जलवीरिए ॥ ७८३ ॥ पासस्स णं अरहओ पुरिसादाणियस्स अठ्ठ गणा अठ्ठ गणहरा होत्था तं० सुभे अजघोसे वसिठे वंभयारी सोमे सिरिधरे चीरिए भद्दजसे ॥ ७८४ ॥ अठविहे दंसणे प० तं० सम्मईसणे मिच्छदंसणे सम्मामिच्छदसणे चक्खुदंसणे जाव केवलदसणे सुविणदसणे ॥ ७८५ ॥ अठ्ठविहे अद्धोचमिए ६० तं० पलिओवमे सागरोवमे उस्सप्पिणी ओसप्पिणी पोग्गलपरियट्टे तीतद्धा अणागयद्धा सव्वद्धा ॥ ७८६ ।। अरहओ णं अरिठ्नेमिस्स जाव अठमाओ पुरिसजुगाओ जुगंतकरभूमी दुवासपरियाए अंतमकासी ॥ ७८७ ॥ समणेणं भगचया महावीरेणं अठ्ठ रायाणो मुंडे भवेत्ता अगाराओ अगगारि पव्वाविया तं० वीरंगय वीरजसे संजयए णिजए य रायरिसी, सेयसिवे उदायणे (तह संखे
१९ सुत्ता०