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५.८ अ०५]; सुत्तागमे
११८७ २ सन्द० २ सोलसमं० २ सव्व० २-दुवालसं० २ सव्व० २ चोइ-सं० २ सव्व० २ दसमं० २ सव्व० २-दुवालसं० २ सव्व० २ अट्ठमं० २ सव्व० २ दसमं० २ सव्व० २ छटुं० २ सव्व० २ अट्ठमं० २ सव्व० २ चउत्यं० २ सव्व० २ छटुं० २ सव्व० २ चउत्थं० २ सव्वकामगुणियं पारेइ-तहेव चत्तारि परिवाडीओ, एकाए परिवाडीए छम्मासा सत्त य दिवसा, चटण्हं दो वरिसा अट्ठावीसा य दिवसा जाव सिद्धा ॥ १९ ॥ एवं कण्हा-वि नवरं महालयं सीहणिनीलियं तवोकम्मं जहेव खुट्टागं नवरं चोत्तीसइमं जाव नेयव्वं तहेव ऊसारेयव्वं, एक्काए वरिसं छम्मासा अट्ठारस य दिवसा, चउण्हं छव्वरिसा दो मासा वारस य अहोरत्ता, सेसं जहा कालीए जाव सिद्धा ॥ २०॥ एवं सुकण्हा-वि नवरं सत्तसत्तमियं भिक्खुपडिमं उवसंपज्जित्ताणं विहरइ, पढमे सत्तए एकेकं भोयणस्स दत्तिं पडिगाहेइ एकेकं पाणयस्स, दोचे सत्तए दो दो भोयणस्स दो दो पाणयस्स पडिगाहेइ, तच्चे सत्तए तिण्णि० चउत्थे० पंचमे० छ० सत्तमे सत्तए सत्त दत्तीओ भोयणस्स पडि()गाहेइ सत्त पाणयस्स, एवं खलु एयं सत्तसत्तमियं भिक्खुपडिमं एगूणपण्णाए रा(ई)तिदिएहिं एगेण य छण्णउएणं भिवखासएणं अहासुत्ता जाव आराहेत्ता जेणेव अजचंदणा अन्ना तेणेव उवागया [२ त्ता] अजचंदणं अजं वंदइ नमसइ वं० २ त्ता एवं वयासी-इच्छामि णं अजाओ! तुम्भेहिं अन्भणुण्णाया समाणी अहमियं भिक्खुपडिमं उवसंपज्जित्ताणं विहरेत्तए, अहासुहं०, तए णं सा सुकण्हा अज्जा
अज्जचंदणाए अन्भणुण्णाया समाणी अहमियं भिक्खुपडिमं उवसंपजित्ताणं विहरइ, पढमे अट्ठए एकनं भोयणस्स दत्तिं पडिगाहेइ एकेक पाण(ग)यस्स जाव अट्ठमे अट्ठए अट्ठ भोयणस्स (दत्ति) पडिगाहेइ अट्ठ पाण-यस्स, एवं खलु एयं अट्ठमियं भिक्खुपडिमं चउसट्ठीए रा-तिदिएहिं दोहि य अट्ठासीएहिं भिक्खासएहिं अहासु(तं)त्ता जाव नवनवमियं भिक्खुपडिमं उवसंपज्जित्ता-णं विहरइ, पढमे नवए एक्कनं भोयणस्स दत्तिं पडिगाहेइ (य) एनेनं पाणयस्स जाव नवमे नवए नव नव द० भो० पडि-नव २ पाणयस्स, एवं खलु नवनवमियं भिक्खुपडिमं एकासी-ईराइंदिएहिं चउहिं पंचोत्तरेहिं भिक्खासएहिं अहासुत्ता जाव दसदसमियं भिक्खुपडिमं उवसंपज्जित्ताणं विहरइ, पढमे दसए एक भोयणस्स दत्तिं पडिमाहेइ-एक्वेक पाणयस्स जाव दसमे दसए दस २ भोयणस्स द(त्ति)त्ती[ओ] पडि-गाहेइ दस २ पाण[य]स्स०, एवं खलु एवं दसदसमियं भिक्खुपडिम एक्केणं राइंदियसएणं अद्धछठेहिं भिक्खासएहिं अहासुत्तं जाव
भोयणस्स दात पाडगाहेइ दस २ पाणमा भिक्खासएहिं ।