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________________ १०८ पं० सत्यनारायण कविरत्न मेरे कई भित्र अच्छे अनुभवी वैद्य है । और यदि किसी प्रकार भी आप विवाह करना चाहते ही नहीं तो हमे कोई और वर बतलाइये। आगराकालिज मे कोई पढता हो अथवा आपकी दृष्टि में अन्य कोई हो, या अपने मित्रो से पता चले तो हमे उत्तर देने की कृपा करे। अपने विषय मे भी उत्तर देवे कि स्वास्थ्य-दशा के अतिरिक्त और बात तो बाधक नहीं है। भवदीय मुकुन्दराम शर्मा २२ अक्टूबर को श्रीयुत मुकुन्दरामजी ने निम्नलिखत तार गोस्वामी ब्रजनाथ शर्मा के नाम भेजा“Send satyanarayan one day expenses will pay. Mukundram" अर्थात् “सत्यनारायण को एक दिन के लिए भेजो। खर्चा हम देगे --मुकुन्दराम । इस तार के साथ ही एक तार उन्होने सत्यनारायणजी को भी भेजा और साथ ही निम्नलिखित पत्र भी। २२ अक्टूबर १९१५ मान्यवर महोदयजी, नमस्कार मैंने श्रीमान् के पास एक पत्र भेजा था, पहुँचा होगा । उत्तर की प्रतीक्षा कर रहा हूँ। आज आपके नाम तथा गोस्वामी ब्रजनाथजी के नाम तार भी दिया है कि और एक दिन के वास्ते हम पर कृपा करके यहाँ पधारे तो बड़ी भारी कृपा हो। आपने किस कारण से विवाह का निषेध किया है। हम स्वयं वास्तविक कारण जानना चाहते है । आपका स्वास्थ्य अच्छा है । हमे ऐसा
SR No.010584
Book TitleKaviratna Satyanarayanji ki Jivni
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBanarsidas Chaturvedi
PublisherHindi Sahitya Sammelan Prayag
Publication Year1883
Total Pages251
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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