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- द्रव्य ( द्रव्य कर्मों के २- भाव ( जो आत्मा के
में कारण )
२- निर्जरा
१- द्रव्य
२-भाव-
२- भाव निर्जरा
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- पूजा
१ - सविपाक ( नियत स्थिति को पुरी कर के कर्मों का झड जाना ) २- अविपाक ( तप धरण द्वारा कर्मों को उदय में लाकर कर्म व शक्ति रहित कर देना )
-नय---
आश्रव के रोकने में कारण ) भाव कर्मों के आस्रव के रोकने
- द्रव्य ( जलादी द्रव्य चढाकर पूजा करना ) २- भाव ( केवल भक्ति भावों से स्तुति करना )
१ - निश्चयनय ( वस्तु के किसी असली अंश को ग्रहण करने वाला ज्ञान )
-व्यवहारनय ( किसी निमित के वशं से एक पदार्थ को दुसरे पदार्थ रूप जानने वाला ज्ञान )
२-- निश्चयनय
१ - द्रव्यार्थिक ( जो द्रव्य अर्थात् सामान्य को ग्रहण करे )